तेलंगाना की राजनीति में उस वक्त गरमाहट आ गई, जब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी पर पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को मंत्री बनाने को लेकर तीखा हमला बोला. सीएम रेवंत रेड्डी ने सीधे सवाल किया कि किशन रेड्डी क्यों पूछ रहे हैं कि अजहरुद्दीन को मंत्री कैसे बनाया गया?

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रेवंत रेड्डी ने केंद्रीय मंत्री को चुनौती देते हुए कहा, 'क्या मंत्री पद आपके पिताजी की जागीर है?' उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा कि अगर अजहरुद्दीन को मंत्री बनाया जाता है तो किशन रेड्डी को इससे क्या आपत्ति है. सीएम ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस का मतलब मुस्लिम और मुस्लिम का मतलब कांग्रेस है. उन्होंने यह दावा भी किया कि कांग्रेस ने अपने 20 महीने के शासनकाल में अल्पसंख्यकों को बिना किसी परेशानी के रखा है.

अजहरुद्दीन को लेकर BJP-कांग्रेस के बीच तीखी

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यह बयानबाजी जुबली हिल्स उपचुनाव से ठीक पहले आई है, जहां अजहरुद्दीन को कैबिनेट में शामिल करने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बहस छिड़ गई है. मुख्यमंत्री का यह बयान इस बात को पुष्ट करता है कि यह पूरा मामला सिर्फ राजनीतिक दांवपेच का हिस्सा है. 

जुबली हिल्स उपचुनाव में राजनीतिक घमासान

कांग्रेस, अजहरुद्दीन को कैबिनेट में शामिल कर अल्पसंख्यक समुदाय को एक मजबूत संदेश देना चाहती है. वहीं, बीजेपी इसे 'तुष्टीकरण की राजनीति' और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताकर हमलावर है. रेवंत रेड्डी के इस करारे जवाब ने विवाद को और बढ़ा दिया है, जिससे साफ है कि जुबली हिल्स उपचुनाव के परिणाम तक यह राजनीतिक घमासान जारी रहने वाला है. राज्य की राजनीति में यह दुर्लभ मौका है, जब एक सीएम ने केंद्रीय मंत्री पर निजी हमले किए हैं, जो तेलंगाना की राजनीति के मौजूदा तीखे माहौल को दिखाता है.

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