हैदराबाद. तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री ई. राजेंद्र के खिलाफ भूमि अतिक्रमण की शिकायतों की जांच के आदेश दिए. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सोमेश कुमार को निर्देश दिया है कि मेदक जिले के मसाईपेट मंडल में अचम्पेट के बाहरी इलाके में भूमि के अतिक्रमण की शिकायतों पर जिला कलेक्टर से जांच करवाने, एक व्यापक रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं.


विस्तृत जांच सौंपने के निर्देश


डीजीपी (सतर्कता), पूर्णचंद्र राव को भी आरोपों पर सच्चाई का पता लगाने के निर्देश दिए गए थे. सीएम ने आदेश जारी किए कि मामले की प्राथमिक जांच तुरंत की जाए. उन्होंने अधिकारी को एक विस्तृत जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा. मुख्यमंत्री ने मेदक जिले में कुछ किसानों की ओर से शिकायत दर्ज कराने के बाद जांच का आदेश दिया, आरोप लगाया कि राजेंद्र ने मुर्गीपालन उद्योग शुरू करने के लिए 100 एकड़ से अधिक भूमि को जबरन अपने कब्जे में ले लिया.


मुर्गी पालन उद्योग के लिए हुआ अतिक्रमण


अछमपेट और हाकिमपेट गांवों के आठ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मुर्गी पालन उद्योग शुरू करने के लिए मंत्री और उनके अनुयायियों ने उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर लिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए अपील की कि सरकार की ओर से उन्हें दी गई भूमि को उन्हें तुरंत बहाल किया जाए.


एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के खिलाफ भूमि हड़पने के आरोप ने राजनीतिक हलकों में आघात पहुंचाया. यह पहली बार है, जब टीआरएस सरकार में किसी मंत्री को जमीन हड़पने के आरोपों का सामना करना पड़ा और पीड़ितों ने सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क किया.


पीड़ितों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें 1994 में सरकार द्वारा भूमि आवंटित की गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि खननकर्ता और उनके सहयोगी सूरी उर्फ अल्ली सुदर्शन और यमजला सुदर्शन रेड्डी ने उनसे जबरन भूमि के कागजात बनवा लिए.


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