Tamil Nadu School Sanitary Staff: तमिलनाडु के ग्रामीण स्कूलों में साफ-सफाई का काम करने वालों का गुजर-बसर बेहद मुश्किल होता जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 10 साल से उन्हें रोजाना काम के बदले अधिकतम 100 रुपए मेहनताने के रूप में मिलते हैं और इस रकम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. उन्हें दिन में दो बार ग्रामीण स्कूलों की सफाई करनी पड़ती है.
अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे राज्य में 32 हजार 900 ऐसे कर्मचारी हैं. वैसे, 100 रुपए नियमित भुगतान सभी कर्मचारियों को नहीं मिलते बल्कि यह रकम उन्हें दी जाती है जो उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में काम करते हैं. प्राइमरी स्कूलों में हर दिन दो बार सफाई करने वालों को महीने में केवल 1000 रुपए, मध्य विद्यालयों के सफाई कर्मियों को 1500 और उच्च विद्यालयों के कर्मचारियों को केवल 2250 रुपए महीने में घर चलाना पड़ता है.
क्या कहना है सफाई कर्मचारियों का?
ग्रामीण नमक्कल में 400 छात्रों वाले सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक महिला स्वच्छता कर्मी को प्रतिदिन 30 से अधिक टॉयलेट और 20 शौचालयों की सफाई के साथ रख-रखाव का काम सौंपा गया है. उन्होंने बताया, “मैं इस स्कूल में काम कर रही हूं क्योंकि मेरे बच्चे यहां पढ़ते हैं और मैं परिवार के लिए कुछ अतिरिक्त आय कमाना चाहती हूं. वेतन कम और अनियमित है और कभी-कभी हमें लगातार 10 महीने तक वेतन भी नहीं मिलता."
शिक्षक संगठन ने उठाई मांग, सरकार ने दिया यह तर्क
डायरेक्टली रिक्रूटेड पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ए रामू ने बताया कि उनका संगठन मांग कर रहा है कि सरकार प्रति स्कूल 2 सफाई कर्मचारी, 1 रात्रि चौकीदार और 1 कार्यालय सहायक नियुक्त करे. उन्होंने बताया, "मनरेगा के तहत काम करने वालों के लिए, सरकार प्रति दिन लगभग 300 रुपए देती है. कम से कम 100 से अधिक छात्रों वाले स्कूलों में, राज्य सरकार को सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाकर 10,000 रुपए प्रति माह करना चाहिए. हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि वेतन कम है क्योंकि ज्यादातर मामलों में कर्मचारी इसे पार्ट टाइम जॉब के रूप में करते हैं.