Tamil Nadu News: तमिलनाडु में पोंगल का त्योहार नजदीक आते ही पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू की तैयारियां जोरों पर हैं. पोंगल के अवसर पर अलंगनल्लूर, पालमेडु और अवनीयापुरम जैसे फेमस स्थानों पर हर साल जल्लीकट्टू प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. इन आयोजनों को सुरक्षित और नियमों के अनुसार कराने के लिए राज्य सरकार ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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सरकार ने जारी किए सख्त नियम

तमिलनाडु सरकार के पशुपालन विभाग के सचिव सुबैयान ने सभी जिला कलेक्टरों को एक परिपत्र भेजा है. इसमें साफ कहा गया है कि जल्लीकट्टू सहित किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के नियमों के तहत ही किया जाए. कलेक्टर की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी प्रतियोगिता आयोजित नहीं की जा सकती.

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दिशानिर्देशों के अनुसार, बिना पूर्व घोषणा या अनुमति के किसी भी तरह की जल्लीकट्टू प्रतियोगिता की इजाजत नहीं दी जाएगी. साथ ही यह भी तय किया गया है कि जल्लीकट्टू केवल उन्हीं स्थानों पर होगा, जो इसके लिए पहले से निर्धारित हैं. अन्य स्थानों पर दिए गए आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा.

बैलों की सुरक्षा सबसे जरूरी

सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि प्रतियोगिता में शामिल बैलों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. बैलों के साथ क्रूरता या प्रताड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित है. यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि बैल सुरक्षित रहें और उनके स्वास्थ्य से कोई समझौता न हो.

जल्लीकट्टू प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए सभी आवेदन केवल ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे. आवेदन के साथ बीमा से जुड़े दस्तावेज जमा करना भी जरूरी होगा. प्रतियोगिता से पहले सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह करनी होंगी, ताकि किसी तरह की लापरवाही न हो.

सभी विभागों की संयुक्त जिम्मेदारी

जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए संबंधित सभी विभागों की आधिकारिक समितियां पहले से बनाई जाएंगी. इनमें राजस्व विभाग, पशुपालन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा दल, जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग और उत्सव समिति के सदस्य शामिल होंगे. बैल मालिकों की भी इसमें अहम भूमिका होगी.

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि पशु चिकित्सा दल प्रतियोगिता स्थल पर बैलों के बाहर निकलने वाले स्थान पर तैनात रहेगा. जरूरत पड़ने पर बैलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जाएगी. वहीं, दर्शकों और खिलाड़ियों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को प्रतियोगिता स्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. इस व्यवस्था को लागू कराने की जिम्मेदारी पुलिस की होगी. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यही नियम मंजू विरट्टू, वडमाडु और एरुथु विदुम जैसे अन्य पारंपरिक कार्यक्रमों पर भी लागू होंगे.