‘दक्षिण के राज्यों पर लटक रही तलवार’, परिसीमन और हिंदी भाषा को लेकर एमके स्टालिन का केंद्र पर हमला
MK Stalin On Delimitation: तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा कि परिसीमन को लेकर सभी राजनीतिक दलों को पार्टी लाइन से हटकर बात करनी चाहिए. सभी को साथ देना चाहिए.

MK Stalin On New Education Policy: अगले साल होने वाले परिसीमन और हिंदी भाषा को लेकर तमिलनाडु के सत्ताधारी दल डीएमके और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार (25 फरवरी, 2025) को चर्चा के लिए अगले सप्ताह एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि इससे वो राज्य जो सभी मामलों में आगे हैं, जनसंख्या पर भी कंट्रोल किया है, ऐसे राज्यों की आवाज संसद में दबा दी जाएगी. उन्होंने कहा, ‘संसद में हमारा प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा. तमिलनाडु की आवाज दबाई जा रही है. यह तमिलनाडु के अधिकारों का मामला है. सभी राजनीतिक दलों को पार्टी लाइन से हटकर बात करनी चाहिए.’ सीएम स्टालिन ये भी कहा कि परिसीमन का मुद्दा दक्षिणी राज्यों पर तलवार लटकने जैसा है.
परिसीमन के बाद कितनी हो जाएगी लोकसभा की स्ट्रेंथ?
स्टालिन ने कहा, ’यह सिर्फ नंबर की बात नहीं है. यह हमारे अधिकारों की बात है. मैं सभी दलों को एनईईटी, तीन-भाषा नीति और केंद्र से धन के आवंटन पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करता हूं.’ एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर परिसीमन हुआ तो लोकसभा की सदस्य संख्या 543 से बढ़कर 750 से ज्यादा हो जाएगी. इसका मतलब होगा कि देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा फायदा होगा. बीजेपी की सरकार वाले इस राज्य को 60 प्रतिशत से ज्यादा सीटें मिलेंगी जो 80 से बढ़कर 126 तक पहुंच सकती हैं.
तमिलनाडु को लेकर क्या है मसला?
इसी प्रक्रिया के तहत तमिलनाडु को सिर्फ 2 सीटें एक्स्ट्रा मिल सकती हैं क्योंकि तमिनाडु ने जनसंख्या पर नियंत्रण कर लिया है. इसके अलावा केरल ने भी जनसंख्या पर कंट्रोल किया है, उसे भी सीटों में बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा. वहीं, एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में दक्षिणी राज्यों के बेहतर रिकॉर्ड पर विचार किया जाएगा. उनकी आशंकाओं को दूर किया जाएगा.
‘भाषा युद्ध के लिए तैयार तमिलनाडु’
इसके अलावा, भाषा को लेकर मचे घमासान के बीच तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि वो एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार हैं. नई शिक्षा नीति और तमिलनाडु बीजेपी की ओर से सरकारी स्कूलों में तीन-भाषा नीति (जिसे डीएमके ने 'हिंदी थोपना' कहा है) के मामले पर स्टालिन ने कहा कि हां हम इसके लिए तैयार हैं.
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Source: IOCL
























