स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने खुद को दक्षिण दिल्ली में एक आध्यात्मिक नेता, गुरु और विद्वान के रूप में पेश किया. इस छवि के पीछे उनके छात्रों का दावा है कि वे उनके लिए सबसे बुरा सपना थे. पुलिस शिकायतों के अनुसार उन्होंने वसंत कुंज स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान (श्री SIIM) में गुप्त निगरानी की, छात्राओं को धमकी दी. इस बीच 17 से ज़्यादा छात्राओं ने उन पर यौन उत्पीड़न, धमकी और वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
एफआईआर में कहा गया है कि चैतन्यानंद ने सुरक्षा के नाम पर छात्रावास के चारों ओर यहां तक कि बाथरूम के पास भी, सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे. उसने अपने फ़ोन पर मौजूद फुटेज का इस्तेमाल करके छात्राओं से उनके नहाने की आदतों और निजी रिश्तों के बारे में पूछताछ की. पीड़ितों ने खुलासा किया कि उसने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स किया है और क्या उन्होंने कंडोम का इस्तेमाल किया है. रात में वह व्हाट्सएप पर बेबी, आई लव यू और आई लव यू जैसे मैसेज भेजता था.
छात्रों का सार्वजनिक अपमानकई महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सहपाठियों के सामने उनका अपमान किया. हरियाणा की एक छात्रा को प्रेमी होने के कारण चरित्रहीन करार दिया गया. एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसने एक लड़की को फटे कपड़ों में रोते हुए उसके ऑफिस से निकलते देखा था. कुछ छात्राओं को अपने मूल दस्तावेज वापस पाने के लिए ₹15,000 देने पड़े.
त्योहारों के दौरान अनुष्ठानिक शोषणहोली के दिन, छात्रों को कतार में खड़े होकर उसके सामने झुकने के लिए मजबूर किया जाता था. वह उनके बालों और गालों पर रंग लगाता था, जबकि संकाय सदस्यों को निर्देश दिया जाता था कि कोई और उन पर रंग न लगाए.
रात में फोन कॉल और जबरन यात्राएंपीड़ितों ने आरोप लगाया कि वह उन्हें देर रात अपने निजी क्वार्टर में बुलाता था और उन पर घरेलू और विदेशी यात्राओं में शामिल होने का दबाव डालता था. एक महिला ने बताया कि बार-बार दबाव डालने के बाद वह मथुरा ले जाए जाने से बाल-बाल बची.
शैक्षणिक ब्लैकमेल और जबरन वसूलीउत्पीड़न के डर से कई छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी. विरोध करने वालों को उपस्थिति में हेराफेरी, अंकों में कटौती या डिग्री रोके जाने जैसे दंड का सामना करना पड़ा. कम से कम एक छात्रा को अपने शैक्षणिक रिकॉर्ड जारी करवाने के लिए पैसे देने पड़े.
कर्मचारियों की संलिप्तता और दमनFIR में एसोसिएट डीन सहित तीन महिला कर्मचारियों का भी नाम है, जिन्होंने कथित तौर पर छात्रों को चैतन्यानंद की मांगें मानने, सबूत नष्ट करने और यहां तक कि नाम बदलने के लिए मजबूर किया.
अवैध निगरानी और धमकियां2016 में, एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि चैतन्यानंद ने उसका फोन जब्त कर लिया, उसे हॉस्टल में अलग-थलग कर दिया और लैंडलाइन कॉल्स व कैमरों के ज़रिए उस पर नजर रखी. उसने कथित तौर पर धमकी दी कि अगर उसने उसकी बात नहीं मानी तो वह अपने प्रभावशाली संपर्कों का इस्तेमाल उसके ख़िलाफ़ करेगा.
लग्जरी कारें और नकली प्लेटेंजांचकर्ताओं ने ₹1.5 करोड़ की एक बीएमडब्ल्यू कार ज़ब्त की, जिसका इस्तेमाल कथित तौर पर घूमाने के बहाने छात्रों को ऋषिकेश ले जाने के लिए किया जाता था. संस्थान के बेसमेंट में "39 UN 1" नाम की नकली राजनयिक प्लेट वाली एक वोल्वो कार भी मिली.