नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने आरोप लगाया है कि अडाणी ग्रुप के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों का समर्थन करने की वजह से झारखंड में उन पर हमला किया गया. बंधुआ मुक्ति मोर्चा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में अग्निवेश ने कहा, मैं पहाड़िया का समर्थन करने के लिए गया था. रघुवर दास की सरकार उस इलाके में 25,000 एकड़ जमीन अडाणी समूह को दे रही है और आदिवासी इसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए जल्दबाजी में बनाए गए कानून के आधार पर आदिवासियों से जुड़ी 3.50 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन सौंपने के लिए 210 एमओयू पर दस्तखत किए हैं.


संगठन बंधुआ मुक्ति मोर्चा से जुड़े अग्निवेश ने कहा कि झारखंड के पाकुड़ में उन पर हमला और दलितों और अल्पसंख्यक समूहों पर भीड़ के हमले की घटनाओं में समानता है. इस तरह की घटनाएं राज्य प्रायोजित लगती हैं.


अलवर और राजस्थान के दूसरे हिस्से में पीट-पीट कर कर मारे जाने की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस पर मौन है. उन्होंने कहा, केवल अलवर और झारखंड ही नहीं पिछले दो साल में ऐसी घटनाओं का एक पैटर्न दिखता है. यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर राज्य प्रायोजित लगती है.


अग्निवेश ने झारखंड में अपने ऊपर हमले का हवाला देते हुए कहा, खबरों में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों का नाम आया है. प्रदेश बीजेपी के प्रमुख ने कहा है कि उनकी पार्टी का कोई शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि अलवर में पांच बार के स्थानीय विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने वहां पर भीड़ के पीटे जाने की घटनाओं को जायज बताया है.