नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को 6 महीने पूरे हो रहे हैं लेकिन सीबीआई को इस मामले मे हत्या तो दूर आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी सबूत भी अभी तक नहीं मिल पाए हैं. आलम यह है कि सीबीआई के जांच अधिकारी ने लंबे समय से इस मामले में केस डायरी तक नहीं लिखी है और मामले को अंतिम रूप दिए जाने पर सीबीआई के आला अधिकारी निर्णय नहीं ले पा रहे है.
सीबीआई का अधिकारिक बयान वही घिसा पिटा है कि मामले की जांच जारी है. सुशांत सिंह राजपूत का शव 14 जून को उनके मुंबई स्थित घर में लटका मिला था. मामले में मुंबई पुलिस की जांच शैली को लेकर आम आदमी से लेकर कोर्ट तक हो हल्ला मचा तो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई कि सीबीआई इस मामले की तह तक पहुंचेगी.
सीबीआई की टीम मुंबई मे आकर दो बार लंबे समय तक डेरा डाले रही. इस दौरान मामले की कथित मुख्य आरोपी रिया चक्रवर्ती समेत मौके पर मौजूद चश्मदीदों से सीबीआई ने गहन पूछताछ भी की और मौका-ए-वारदात पर जा कर सीन ऑफ क्राइम भी क्रीएट किया.
सीबीआई ने इस मामले में सीएफएसएल जांच के अलावा एम्स के डाक्टरों का एक विशेषज्ञ पैनल भी बनाया लेकिन इस पैनल ने भी अपनी जांच रिपोर्ट मे साफ तौर पर कह दिया कि सुशांत की मौत हत्या नहीं है. विशेषज्ञों ने इसके लिए अपनी रिपोर्ट मे कहा कि सुशांत की हत्या की फिलहाल कोई संभावना नहीं है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में लगभग पांच महीने की लंबी जांच के बाद भी सीबीआई की स्थिति नौ दिन चले अढाई कोस वाली ही है. सीबीआई को इस मामले में अभी तक की जांच के दौरान हत्या तो दूर आत्महत्या के लिए उकसाने का भी कोई सबूत नहीं मिला है. आलम यह है कि मामले का जांच अधिकारी वापस मुख्यालय आ गए हैं औऱ इस मामले मे लंबे समय से नियमित लिखी जाने वाली केस डायरी तक नहीं लिखी गई है.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, प्रत्येक जांच मे केस डायरी का अहम रोल होता है औऱ इस डायरी को केवल जज ही मंगा कर देख सकता है. इस डायरी मे जिस दिन से जांच शुरू होती है उस दिन से जांच अधिकारी प्रति दिन समय और तिथि डाल कर लिखता है कि उसने केस की जांच मे क्या किया यानि ये केस डायरी जांच की दिशा और दशा दोनों का आईना होती है.
सूत्रों के मुताबिक, इस केस डायरी में अभी तक जांच अधिकारी ने नहीं लिखा है कि इस मामले में किसी संदेही या आरोपी को कस्टडी में लेकर पूछताछ की जानी आवश्यक है. ऐसे में यह मान लिया जाता है कि केस में जांच के दौरान कोई तथ्य नहीं मिला है. लेकिन मुश्किल यह है कि सीबीआई मुख्यालय इस पूरे मामले में फिलहाल अंतिम निर्णय लेने से बच रहा है.
ध्यान रहे कि इस मामले की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तक भी गई थी और एनसीबी ने इस मामले में अनेक फिल्म अभिनेत्रियों से भी खूब पूछताछ कर सुर्खियां बटोरीं. कभी दीपिका पादुकोण तो कभी कोई और. यहां तक कि आए दिन एनसीबी ऑफिस से किसी ना किसी फिल्मी सितारे से पूछताछ की खबरें लीक होती रहीं. लेकिन वो काम नहीं हुआ जो सुशांत को इंसाफ दिलाता. मसलन ना तो कोई बड़ी मछली पकड़ी गई और न ही कोई ठोस सबूत सामने आया. फिलहाल सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान जो तथ्य मिले है उनके मुताबिक हत्या या आत्महत्या के लिए अभी तक कोई सबूत नहीं है.
सुशांत के परिवार द्वारा रिया द्वारा किए गए कथित 15 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का कोई सबूत नहीं है. आत्महत्या के लिए अभी तक जांच मे साफ नहीं कि किसने उकसाया? परिवार और कथित आरोपियों समेत 70 लोगों से ज्यादा से पूछताछ हुई है. एम्स एक्सपर्ट कमेटी ने ह्त्या से इंकार किया है.
लेकिन दिलचस्प यह है कि सीबीआई इस मामले मे अभी भी पूछे जाने पर कह रही है कि मामले की जांच जारी है और किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है. यानि कुल मिलाकर सुशांत की मौत रहस्य के दायरे में ही है और संभवत उसी दायरे में समाप्त भी हो जायेगी.
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