नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से लगभग सालभर से स्कूल बंद हैं और बच्चे अपने घरों में कैद हैं. इसका बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव देखने को मिला है. एक सर्वे से पता चला है कि दिल्ली में 51 फीसदी बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) गड़बड़ है. ऐसे बच्चे सबसे ज्यादा बेंगलुरु और चेन्नई में हैं.

ये निष्कर्ष स्पोर्ट्स विलेज स्कूलों द्वारा 18,549 दिल्ली के बच्चों पर किए गए सर्वे से निकला है. वार्षिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (AHS) के सर्वे में 250 शहरों और कस्बों के 364 स्कूलों के 7 से 17 साल के उम्र के 2 लाख 54 हजार 681 बच्चों को शामिल किया गया था. सर्वे में सामने आया कि लॉकडाउन के दौरान देशभर के बच्चों की फिटनेस खराब हुई है. दिल्ली में बच्चों के लिए अनहेल्दी बीएमआई प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल के सर्वे के अनुसार, दिल्ली में 50 फीसदी बच्चों का बीएमआई गड़बड़ था.

राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे से पता चला है कि हर 2 में से 1 बच्चे का बीएमआई गड़बड़ है. अपर बॉडी स्ट्रेंथ के मामले में 5 में से 3 बच्चे अस्वस्थ हैं. लोअर बॉडी स्ट्रेंथ के मामले में 3 में से 2 बच्चे अस्वस्थ हैं. एब्डॉमिनल स्ट्रेंथ के मामले में 6 में से 1 बच्चा अस्वस्थ है. दिल्ली में 10 में से 9 बच्चे एरोबिक क्षमता के मामले में अस्वस्थ पाए गए हैं, जबकि कोर स्ट्रेंथ के मामले में 5 में से 2 बच्चे अस्वस्थ पाए गए. एरोबिक क्षमता और कोर स्ट्रेंथ के स्वस्थ स्तर वाले बच्चों के प्रतिशत में 33 फीसदी और 10 फीसदी की गिरावट आई है.

लड़कों की तुलना में स्वस्थ बीएमआई का स्तर लड़कियों में अधिक पाया गया है. लड़कियों में 48 फीसदी और लड़कों का स्वस्थ बीएमआई स्तर 44 फीसदी है. 

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