Defamation Case Against Surendra Choudhary: जम्मू कश्मीर में हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन छोड़ एक बड़े नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हो गए थे. जिसके बाद पार्टी ने अब पूर्व बीजेपी नेता के खिलाफ मानहानि का दावा ठोक दिया है. जानकार मानते हैं कि मानहानि का यह दावा बीजेपी का एक डैमेज कंट्रोल कदम है. जिसके चलते पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं पर अंकुश लगाया जा सके.


मामला 11 जुलाई का है. प्रदेश में बीजेपी और पीडीपी की सरकार के दौरान पीडीपी के कोटे से एमएलसी रहे सुरेंद्र चौधरी पहले पीडीपी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. जिसके बाद वह 11 जुलाई को बीजेपी का दामन छोड़ कर जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस पार्टी में शामिल हो गए.


बीजेपी छोड़ नेशनल कांफ्रेंस का थामा दामन 
सुरेंद्र चौधरी जम्मू के राजौरी जिले के नौशेरा क्षेत्र से आते हैं. इलाके में  बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना पूर्व विधायक हैं. सुरेंद्र चौधरी के नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने के साथ ही नौशेरा से बीजेपी के कई पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी नेशनल कांफ्रेंस का दामन थामा.


सुरेंद्र चौधरी ने नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होते समय बीजेपी पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. इन आरोपों को बीजेपी ने बड़ी गंभीरता से लिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने सुरेंद्र चौधरी पर इन आरोपों को साबित करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है. 


1 हफ्ते के भीतर लिखित माफी मांगने के लिए भेजा नोटिस 
रविंदर रैना सुरेंद्र चौधरी को कानूनी नोटिस भेजते हुए 1 हफ्ते के भीतर लिखित माफी मांगने को कहा है. साथ ही कहा कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो  रैना उन पर 5 करोड़ का मानहानि का दावा ठोकेंगे.


वहीं पीडीपी ने इस नोटिस के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा है. सूत्र बताते हैं कि सुरेंद्र चौधरी के बीजेपी छोड़ने के बाद पार्टी उनसे नाराज चल रही है. साथ ही कई और नेता भी बीजेपी छोड़ सकते हैं जिसके लिए अब बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है और मानहानि का यह दावा भी उसी सिलसिले की एक कड़ी है.


ये भी पढ़ें- बिहार: एनसीपी-शिवसेना की तरह जेडीयू में भी टूट संभव है? दावे और आंकड़ों को समझिए