सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अक्टूबर, 2025) को हुई मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के साथ अभद्र व्यवहार की घटना पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह धर्मांधता नहीं पागलपन है. उन्होंने घटना को गलत करार देते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत के सबसे वरिष्ठ जज के साथ ऐसा हो रहा है.

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सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे- कहते हुए राकेश किशोर नाम के वकील ने इस देश के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर बीच अदालत में जूता निकाल कर मारने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उस आदमी को कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया. यह धर्म के स्वयंभू ठेकेदार नहीं- जोम्बीज हैं.'

सुप्रिया श्रीनेत ने पोस्ट में यह भी लिखा, 'इस कगार पर मेरे देश को लाने के लिए सिर्फ और सिर्फ एक आदमी जिम्मेदार हैं- नरेंद्र मोदी. सोचिए यह सब इस देश की सबसे ऊंची अदालत में सबसे वरिष्ठ जज के साथ हो रहा है- यह धर्मांधता नहीं पागलपन है- न्याय की सबसे ऊंची संस्था में यह होना बिल्कुल गलत है.'

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सोमवार को कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने सीजेआई बी आर गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की. यह घटना उस समय की है, जब सीजेआई की बेंच वकीलों द्वारा उल्लेख किए गए मामलों की सुनवाई कर रही थी. तभी वकील बेंच के मंच के पास पहुंचा, उसने अपना जूता निकाला और उसे जज की ओर फेंकने की कोशिश की.

कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और हमले को रोका, इसके बाद सुरक्षाकर्मी वकील को तुरंत कोर्ट से बाहर ले गए. जब वकील को बाहर ले जाया जा रहा था, तो उसे चिल्लाते हुए सुना गया, 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे.' घटना के बाद सीजीआई ने अपना संयम बनाए रखा और अदालत कक्ष में उपस्थित वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, 'इन सब बातों से विचलित मत होइए. हम विचलित नहीं हैं. इन बातों का मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता.' सुप्रीम कोर्ट की सिक्योरिटी यूनिट ने घटना की जांच शुरू कर दी है. अभी यह पता नहीं चला है कि वकील ने इस हरकत को क्यों अंजाम दिया.