नई दिल्ली: आधार एक्ट की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज से सुनवाई शुरू हो गई. याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा है कि मामले में कई सर्क्युलर और नोटिफिकेशन हैं. हम सब पर बात करेंगे, लेकिन सबसे पहले इस बात पर पक्ष रखेंगे कि आधार एक्ट संवैधानिक है या नहीं. कल भी श्याम दीवान जिरह गलत करेंगे.
बता दें कि याचिकाओं में आधार कार्ड योजना को नागरिकों के निजता के अधिकार का हनन बताया गया है. साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने को भी चुनौती दी गई है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ कर रही है.
संविधान पीठ में कौन-कौन शामिल हैं?
इस संविधान पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा करेंगे. बेंच के बाकी चार सदस्य ए के सीकरी, ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण हैं. महत्वपूर्ण मामलों की लिस्टिंग को लेकर सवाल उठाने वाले चार वरिष्ठ जज जस्टिस जे. चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कूरियन जोज़ेफ़ इन मामलों की सुनवाई के हिस्सा नहीं होंगे.
याचिकाकर्ताओं का क्या कहना है?
बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने आधार के लिए बायोमेट्रिक जानकारी लेने को निजता का हनन बताया था, जबकि सरकार की दलील थी कि निजता का अधिकार अपने आप में मौलिक अधिकार नहीं है. अगर इसे मौलिक अधिकार मान लिया जाए तो व्यवस्था चलाना मुश्किल हो जाएगा. कोई भी निजता का हवाला देकर ज़रूरी सरकारी काम के लिए फिंगर प्रिंट, फोटो या कोई जानकारी देने से मना कर देगा.
हाल में आधार पर हुआ था बड़ा खुलासा
बता दें कि 3 जनवरी को ट्रिब्यून ने आधार डेटा बिकने की खबर छापी थी, रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 500 रुपये में आधारा डेटा को खरीदा जाता है. रिपोर्टर ने खुद की पहचान छुपाकर पूरी जानकारी इक्ट्ठा की. खबर के प्रकाशित होने के साथ ही मामले ने तुल पकड़ लिया. मामले को बढ़ता देख UIDAI ने सिरे से इस खबर को खारिज कर दिया.
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