सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण मामले पर सुनवाई करेगा. कोर्ट ने दिल्ली और आस-पास के राज्यों से यह बताने को कहा है कि उन्होंने प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गठित आयोग के निर्देशों का कितना पालन किया है. 


दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आयोग के निर्देशों का राज्य पालन नहीं कर रहे. सख्ती दिखाते हुए कोर्ट ने कहा कि, अगर ऐसा रवैया रहा तो कोर्ट अपनी तरफ से एक स्वतंत्र टास्क फोर्स का गठन कर देगा. वहीं, कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य जारी रहने पर केंद्र से भी जवाब मांगा है.


केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य जारी रखने का बचाव किया


बता दें, सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य जारी रखने का बचाव किया. उन्होंने हलफनामा दाखिल करते हुए कहा- परियोजना राष्ट्रीय महत्व की. निर्माण के दौरान प्रदूषण नियंत्रण में रखा गया है. धूल और धुएं पर लगाम के लिए स्मॉग गन, पानी का छिड़काव जैसे सभी उपायों का पालन किया जा रहा है.


दिल्ली सरकार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को जारी करेगी नोटिस


वहीं, प्रतिबंध के बावजूद सेंट्रल विस्टा में निर्माण कार्य कराए जाने और धूल नियंत्रण नियमों का उल्लंघन करने के लिए दिल्ली सरकार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को नोटिस जारी करेगी. यह बात बुधवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कही. 


राय ने कहा, ‘‘निर्माण एवं ध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध के बावजूद हमें सेंट्रल विस्टा परियोजना स्थल पर काम कराए जाने के बारे में कई फोन आ रहे हैं. जांच के दौरान हमने पाया कि यह सही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से कहेंगे कि सीपीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी कर वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रतिबंध के बावजूद निर्माण कराए जाने के कारणों के बारे में पूछें.’’ 


राय ने कहा कि निर्माण स्थल पर धूल प्रदूषण नियंत्रण नियमों के उल्लंघन के लिए एजेंसी को अलग से नोटिस जारी किया जाएगा. दिल्ली सरकार ने पहले कहा था कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए राजधानी में अगले आदेश तक निर्माण एवं ध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा.


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