सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को कहा कि अब समय आ गया है कि वह क्रिकेट सहित खेलों से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने कहा, ‘‘अब क्रिकेट में खेल जैसा कुछ नहीं रहा. यह एक सच्चाई है. यह सब बिजनेस है.’’
पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब वह जबलपुर संभाग के एक क्रिकेट संघ से संबंधित मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
'देश क्रिकेट के प्रति जुनूनी'
जस्टिस विक्रम नाथ ने इस मामले में विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकीलों से पूछा, ‘‘आज हम क्रिकेट खेल रहे हैं. तीन-चार मामले हैं. एक मामला पहले ही दूसरे दौर के लिए स्थगित हो चुका है. यह दूसरा मामला है. दो और मामले हैं. आज आप कितने टेस्ट मैच खेलेंगे?’’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि देश क्रिकेट के प्रति जुनूनी है.
'क्रिकेट सहित खेलों से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे कोर्ट'
जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस कोर्ट को क्रिकेट और बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. ’’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ चिंताओं के कारण ये मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आ रहे हैं.
जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, ‘‘मुद्दा यह है कि इन सभी मामलों के नतीजों में काफी हित जुड़े हुए हैं. जिस किसी भी खेल का व्यवसायीकरण हो गया है तो ऐसा होना तय है. ’’ पीठ ने याचिका पर विचार करने में अपनी अनिच्छा व्यक्त की. याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए. पीठ ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी.