SC on Community Kitchen: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को भुखमरी से बचाना एक सरकार का कर्तव्य है. इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों से बात कर सामुदायिक रसोई बनाने के लिए कहा है. कोर्ट ने योजना तैयार करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने माना है कि इस तरह की योजना राज्यों के सहयोग और भागीदारी से ही चलाई जा सकती है.


सामाजिक कार्यकर्ता अनुन धवन की याचिका में भुखमरी और कुपोषण से लोगों की मौत का मसला उठाया गया था. याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और बिहार में हुई इस तरह की मौतों की जानकारी देते हुए सामुदायिक रसोई की स्थापना को ज़रूरी बताया गया था. कोर्ट ने याचिका में उठाए गए विषय को गंभीर मानते हुए 27 अक्टूबर को केंद्र को इस मसले पर सभी राज्यों से बात कर योजना तैयार करने के लिए कहा था.


आज केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल माधवी दीवान ने 3 जजों की बेंच को बताया कि राज्यों के साथ बातचीत जारी है. योजना तैयार करने से पहले विशेषज्ञों की भी राय ली जा रही है. कोर्ट ने इस पर संतोष जताया. 


कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मसले पर निर्णय को बहुत समय के लिए नहीं टाला जा सकता. कोर्ट ने केंद्र को 3 हफ्ते में ऐसी योजना बनाने के लिए कहा है जिस पर राज्य भी सहमत हों. सुनवाई के दौरान जजों ने केंद्र सरकार की तरफ से एक अंडर सेक्रेटरी के हलफनामा दाखिल करने पर आपत्ति जताई. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के अहम मामले में किसी वरिष्ठ अधिकारी को हलफनामा दाखिल करना चाहिए.


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