3600 करोड़ के ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह जमानत सीबीआई की तरफ से दर्ज केस में दी है. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने 6 साल जेल में रहने के आधार पर जमानत दी है. बेंच ने कहा कि अभी तक निचली अदालत में मुकदमा खत्म नहीं हुआ है. यह शायद 25 साल तक भी पूरा नहीं होगा. हमेशा के लिए किसी को जेल में नहीं रखा जा सकता. 
 
सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी है कि क्रिश्चियन मिशेल अपना पासपोर्ट जमा करवाएं. वह फिलहाल भारत नहीं छोड़ सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बाकी शर्तें निचली अदालत तय करेगी. हालांकि, ED की तरफ से दर्ज केस में जमानत न मिलने के चलते वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे. ED मामले में जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है.
 
क्या है ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाला?
2006 और 2007 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले की बात 2013 में सामने आई थी. तब तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार स्वर्गीय अहमद पटेल समेत कई वरिष्ठ लोगों को रिश्वत दिए जाने का आरोप लगा था. घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को दिसंबर, 2018 में दुबई (UAE) से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था.
 
मिशेल ने क्या कहा है?
मिशेल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि उसने 6 साल से अधिक का समय जेल में बिता लिया है. उसके प्रत्यर्पण के समय जो धाराएं UAE सरकार को बताई गई थीं, उनमें अधिकतम 5 साल तक की ही सज़ा है. मिशेल के वकील ने कोर्ट से कहा कि घोटाले के कई आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका हैस लेकिन निचली अदालत और हाईकोर्ट ने उसे राहत नहीं दी.
 
CBI का स्टैंडइससे पहले भी क्रिश्चियन मिशेल ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी थी. तब कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत जाने को कहा था. पिछली बार जांच एजेंसी के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा था कि UAE के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि में इसका प्रावधान है कि आरोपी पर बाद में भी धाराएं लगाई जा सकती हैं. चार्जशीट में उनके खिलाफ IPC की धारा 467 समेत कई धाराएं जोड़ी गई हैं. इनमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है इसलिए, रिहा नहीं करना चाहिए. एस वी राजू ने इस बात पर भी जोर दिया कि मिशेल को काफी प्रयासों के बाद भारत लाया जा सका था.
 
नई याचिका में क्या कहा गया था?
 
मिशेल के लिए वकील एल्जो जोसफ और श्रीराम परक्कट पेश हुए. उन्होंने मुकदमा लंबित रहने तक नियमित जमानत की मांग की. उनका कहना था कि मुकदमे के दौरान मामले से जुड़े हजारों पन्ने के दस्तावेज देखे जाने हैं. सैकड़ों लोगों की गवाही होनी है. इन सब में काफी समय लगेगा. अगर उसके जैसी स्थिति किसी भारतीय नागरिक की होती, तो उसे रिहा कर दिया जाता. इसलिए, क्रिश्चियन मिशेल को भी अब जेल में नहीं रखा जाना चाहिए.