Supreme court on Waqf Act: वक्फ एक्ट पर दायर दर्जनों याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 अप्रैल 2025) को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर कोई आदेश या निर्देश नहीं दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कुछ धाराओं में स्पष्टीकरण की मांग की. अब इस मामले में गुरुवार (17 अप्रैल) को दोपहर 2 बजे फिर से सुनवाई होगी.
तीन प्रावधानों को स्थगित करने वाला था कोर्ट
वक्फ संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा पर चिंता जतायी. साथ ही केंद्र से पूछा कि क्या हिंदू धार्मिक बोर्डों में मुस्लिमों को शामिल किया जाएगा? सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस की बेंच ने इस कानून के तीन मुद्दों को उठाया. कोर्ट अंतरिम आदेश पारित कर इन तीन प्रावधानों को स्थगित करने वाला था, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से समय मांगा.
चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा, "जो भी संपत्ति वक्फ बाई यूजर घोषित की गई है या कोर्ट से घोषित की गई है, उसे अधिसूचित नहीं किया जाएगा. दूसरा कलेक्टर कार्यवाही जारी रख सकते हैं, लेकिन प्रावधान लागू नहीं होगा. तीसरा- वक्फ बोर्ड में एक्स ऑफिशियो मेंबर के अलावा मुस्लिम सदस्य ही हों." इन तीनों प्रावधानों पर कोर्ट ने आपत्ति जताई थी.
केंद्र ने मांगा 2 हफ्ते का समय
इससे बाद केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा. उन्होंने कहा कि कोर्ट चाहे तो इस मामले की रोजाना सुनवाई कर सकता है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि आमतौर पर हम इस तरह के अंतरिम आदेश पारित नहीं करते हैं, लेकिन यह एक अपवाद है. उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई छह से आठ महीने तक चल सकती है. इस पर केंद्र ने अंतरिम आदेश पर आपत्ति जताई और अधिक समय की मांग की.
कोर्ट ने कहा कि वह उन्हें अपनी बात कहने के लिए आधा घंटा और देने को तैयार हैं, लेकिन कुछ देर तक बहस के बाद मामले को स्थगित कर दिया गया क्योंकि उस समय शाम चार बजे का समय हो चुका था. सुप्रीम कोर्ट ने यह बार-बार स्पष्ट किया है कि वह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करेगा.