मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट में बंद कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मंत्री के मामले की सुनवाई वह कर रहा है. ऐसे में समानांतर सुनवाई की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई के तीसरे सप्ताह में अगली सुनवाई की बात कही है. साथ ही, यह भी कहा है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी अगली सुनवाई से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना के प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया के बारे में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने विवादित बयान दिया था. इस पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह जांच की निगरानी करेगा. राहत की उम्मीद लिए विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जांच बंद करने से मना कर दिया.

19 मई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया कि वह तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी बना कर उसे जांच सौंप दें. कोर्ट ने एसआईटी को 28 मई को पहली स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा था. एसआईटी ने यह रिपोर्ट मंगलवार को ही जमा करवा दी थी.

रिपोर्ट को पढ़ कर आए जजों ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है. एसआईटी ने घटनास्थल का दौरा किया है, कुछ गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और एक मोबाइल डिवाइस को जब्त किया है. विवादित भाषण का ट्रांसक्रिप्ट भी तैयार करवा लिया गया है. एसआईटी ने जांच को पूरा करने के लिए समय की मांग की है. हम उसे समय दे रहे हैं. जुलाई में होने वाली सुनवाई से पहले में एसआईटी नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 19 मई को उसने जो अंतरिम आदेश दिया था, वह अभी जारी रहेगा यानी विजय शाह की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं होगी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शाह को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने शाह के माफीनामे को स्वीकार करने से मना कर दिया था. जजों ने यह भी कहा था कि उनके आचरण से ऐसा नहीं लगता है कि उन्हें सचमुच कोई पछतावा हो रहा है.