सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कोविड वैक्सीन के चलते हुई मौत के मुआवजे पर सवाल किया है. जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की बेंच ने सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि क्या वह इस तरह की मौत का मुआवजा देने की नीति बनाएगी. कोर्ट ने सरकार को जवाब के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है
यह मामला 2022 में आए केरल हाई कोर्ट के एक आदेश से शुरू हुआ है. हाई कोर्ट में सईदा नाम की महिला ने अपने पति की मौत का जिम्मेदार कोविड टीकाकरण को बताते हुए मुआवजे की मांग की थी. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को आदेश दिया था कि वह कोविड वैक्सीनेशन से हुई मृत्यु का मुआवजा देने की नीति बनाए. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ SC पहुंची केंद्र
हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की. केंद्र की दलील थी कि कोरोना बीमारी से हुई मौत और उसके वैक्सीन के असर से हुई मौत को एक श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है. 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अपील को सुनते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है कोर्ट ने 18 मार्च को अगली सुनवाई की बात कही है. ध्यान रहे कि इसी मसले पर एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उसका जवाब देते हुए केंद्र सरकार यह कह चुकी है कि कोविड वैक्सीन कार्यक्रम स्वैच्छिक था. टीका लगवाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया गया था. उसके साइड इफेक्ट के लिए सीधे सरकार से मुआवजा मांगना गलत है. सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: जीएसटी और कस्टम्स एक्ट के मामलों में बिना उचित कारण के नहीं हो सकती गिरफ्तारी