Himachal Cabinet Approved OPS:  बीते साल हुए हिमाचल विधान सभा चुनावों में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) एक अहम मुद्दा रहा था. कांग्रेस ने ओपीएस को अहम चुनावी मुद्दा बनाया था. उसने सूबे की जनता से यहां पार्टी की सरकार बनते ही ओपीएस बहाल करने का वादा किया था.


इस सूबे में अब कांग्रेस की सरकार है और आखिरकार पहली ही कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू  ने ये वादा पूरा कर दिया है. शुक्रवार को  हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोहड़ी के त्योहार पर सूबे के सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का तोहफा दिया है.


सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल ने पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) पर मंजूरी की मुहर लगा दी है. दरअसल यहां के सरकारी कर्मचारी ओपीएस बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर कर रहे थे. सरकारी कर्मचारियों ओपीएस की  इतनी दरकार क्यों रही है और क्या है ये ओपीएस?


क्या है ओपीएस?


पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस (Old Pension Scheme) में रिटायर होने के बाद पेंशन की पूरी रकम सरकार देती थी. दरअसल ओपीएस के तहत सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है. हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है. पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं.


इस तरह से देखा जाए तो ओपीएस में सरकारी कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी भाग पेंशन के तौर दिया जाता है. इसके साथ ही कर्मचारियों को इसमें महंगाई भत्ता भी मिलता है, जिसमें डीए भी होता है. ओपीएस में आम कर्मचारियों के जैसे ही रिटायर पेंशन पाने वाले कर्मचारियों को हर 6 महीने में डीए में होने वाले बदलाव का भी फायदा मिलता है.


यही नहीं पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है. पेंशन लेने वाले  शख्स के 80 साल का होने पर मूल पेंशन में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होती है. इस तरह से पेंशनधारक के 85 की उम्र में 30 फीसदी, 90 की उम्र में 40 फीसदी, 95 की उम्र में 50 फीसदी और 100 की उम्र होने पर 100 फीसदी बढ़ता है. साफ तौर पर कहें तो पेंशनधारक की उम्र 100 तक पहुंचने पर पेंशन की रकम दोगुनी हो जाती है.


लेकिन 1 अप्रैल, 2004 से इस योजना को तत्कालीन एनडीए (NDA) सरकार ने बंद कर दिया था. इसकी जगह एनडीए सरकार नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) लेकर आई थी. इसके तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14 फीसदी का ही योगदान देती है.


दरअसल कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान व छत्तीसगढ़ में ओपीएस लागू कर दी गई है. हिमाचल कांग्रेस शासित तीसरा राज्य है जहां ओपीएस बहाल करने को मंजूरी मिली है. उधर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी बीते साल सितंबर में ओपीएस लागू की है. 


ऐसे हुआ हिमाचल में ओपीएस लागू


हिमाचल के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कैबिनेट में ओपीएस बहाली को लेकर कहा कि उन्होंने अर्की में विधानसभा चुनावों में किया वादा पूरा किया. उनका कहना था कि इसे लागू न करने को लेकर अधिकारी पैसा न होने की बात कर रहे थे, लेकिन हमने अपना वादा कहें अनुसार पूरा करने में कोताही नहीं की. उन्होंने कहा कि सूबे की पहले की सरकार ने कर्मचारियों के 5 हजार करोड़ रुपये एरियर के भी नहीं दिए. हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया है कि कर्मचारियों को एरियर अभी नहीं मिलेगा.


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