नई दिल्ली: पाकिस्तान एक और भारत की ओर बातचीत का प्रस्ताव रख रहा है तो दूसरी ओर सीमा पर उसकी फौज की शह पर आतंकियों का खूनी खेल जारी है. भारत सरकार ने इमरान खान की पेशकश पर संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्रियों की वार्ता के लिए हामी भर दी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरी टेरर और टॉक यानी यानी आतंकवाद और बातचीत एक साथ कैसे चल सकते हैं.
टेरर के बीच टॉक का विरोध अब बीजेपी के भीरत से ही शुरू हो गया है. बीजेपी के बड़े नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि पाकिस्तान आतंकी देश है उससे बात करना फिजूल है सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''बात करना बेफिजूल है, इसका कोई उपयोग ही नहीं है. इस बातचीत के बाद अगर कुछ नहीं निकलेगा तो और निराशा ही पैदा होगी.''
स्वामी ने कहा, ''हमें यह बिल्कुल साफ मानकर चलना चाहिए जो हम प्रचार करते हैं कि पाकिस्तान एक आतंक लिप्त देश है, दुनिया में इसका बहिस्कार होना चाहिए, इसमें कमी आएगी. कभी कभी ऐसा भी लगता है कि जैसे कोई विदेश शक्ति जैसे अमेरिका का दबाव है. मैं समझता हूं कि पाकिस्तान से बात करके कोई फायदा नहीं है.''
संयुक्त राष्ट्र में होनी है मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी के बधाई पत्र के जवाब में भेजी गई चिट्ठी में संयुक्त राष्ट्र में विदेश मंत्रियों की मुलाकात की बात कही गई थी. इस प्रस्ताव को भारत की ओर से स्वीकार कर लिया गया. ऐसे में तय किया गया है कि अगले हफ्ते न्यूयॉक में हो रही संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्विपक्षीय मुलाकात की मेज पर भी अलग से मिलेंगे.
डबल गेम खेल रहा है पाकिस्तान पाकिस्तान इस मुद्दे पर डबल गेम खेल रहा है. एक तरफ तो अमन की बातचीत के लिए चिट्ठी भेज रहा है और दूसरी ओर पाकिस्तानी फौज और आतंकी भारतीय जवानों के सिर काट कर ले जा रहे हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान के डाक विभाग ने 20 आतंकियों पर पोस्टल स्टैंप जारी किए हैं. इन डाक टिकट पर आतंकियों को हीरो की तरह पेश किया गया. इसमें कुख्यात आतंकी बुरहान वानी की फोटो वाला स्टैंप भी जारी किया गया है.