मुंबई: ऐप आधारित कैब कंपनी ओला और उबर के ड्राइवर 18 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से मुंबई के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के आह्वान पर कैब ड्राइवर हड़ताल पर गए हैं. हड़ताल के तीसरे दिन एमएनएस की परिवहन शाखा ने कहा कि इन कंपनियों से बात चल रही है.

एमएनएस की परिवहन इकाई के अध्यक्ष संजय नाइक ने बताया है कि दिल्ली से ओला के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को उपनगरीय अंधेरी में एक बैठक हुई. बताया जा रहा है कि आज यानि कि गुरुवार को उबर का एक अधिकारी एमएनएस मुलाकात करेगा. नाइक ने कहा कि मुंबई के 90 से 95 फीसद ओला और उबर ड्राइवर इस हड़ताल में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ओला और उबर के साथ बातचीत में संतोषजनक समाधान निकलने पर इस हड़ताल को वापस लिया जाएगा.

ओला-उबर ड्राइवरों की क्या है मांग?

कैब के ड्राइवर अपने गिरते कारोबार के कारण लागत भी नहीं वसूल पा रहे हैं. ओला ऊबर ड्राइवरों का कहना है कि कंपनी ने वादा किया था कि प्रति महीने 1,25,000 का बिजनेस मिलेगा, लेकिन ड्राइवर घाटे में गाड़ी चला रहे हैं. ओला ऊबर ने खुद अपनी ही गाड़ियां लगा दी हैं जिससे वो पिक अप अपनी गाडियों को देते हैं और बाद में दूसरी गाड़ियों को. इसके साथ ही इनकी मांग है कि ब्लैकलिस्ट किए हुए ड्राइवरों को दोबारा काम पर रखा जाए. इन मांगो के चलते मुंबई में करीब एक लाख 10 हजार ओला उबर के रजिस्टर्ड ड्राइवर हैं जो हड़ताल पर है. करीब 45000 ओला ऊबर की गाडियां मुंबई शहर में चलती हैं.