STF Arrested Fake ED Officers: नटवर लाल के किस्से इस देश में काफी मशहूर हैं और इस तरह की कहानियों पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं. एक फिल्म आई थी स्पेशल छब्बीस जिसमें एक्टर अक्षय कुमार नकली सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं. इसी तरह का एक मामला सामने आया है जिसमें दो भाइयों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन दोनों ने नकली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी बनकर असली वाले एक नहीं बल्कि 300 से ज्यादा सरकारी अधिकारियों से लाखों रुपये ऐंठे.


ओडिशा एसटीएफ ने ढेंकनाल जिले से 30 साल के तारिनिसन महापात्रा और 27 साल के ब्रह्माशंकर को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की जांच में पता चला कि ये दोनों लक्जरी लाइफ जीते थे लेकिन इनकम का कोई ठोस सोर्स नहीं था. ऐसी लाइफ जीने के लिए महापात्रा ब्रदर्स ने लोगों से उधार लेना शुरू कर दिया और जब लेनदारों ने इनसे अपनी रकम वापस मांगी तो दोनों झारखंड भाग गए और वहां किसी कंपनी में काम करने लगे.


आखिर ईडी अधिकारी ही क्यों बने?


एसटीएफ का कहना है कि जब महापात्रा ब्रदर्स के पास पैसे खत्म हो गए तो इन दोनों के दिमाग में ईडी अधिकारी बनने का आइडिया आया और कमजोर सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाया. तारिनीसेन और ब्रह्माशंकर ने ईडी अधिकारी बनने का इसलिए सोचा क्योंकि इस समय ईडी की टीम देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर कालेधन का खुलासा कर रही है और खबरों में बनी रहती है.


इसके बाद इन लोगों ने पता किया कि ईडी अधिकारी किस तरह बर्ताव करते हैं और किस तरह से छापेमारी करते हैं, जिससे कि सरकारी अधिकारियों को इनके नकली होने का शक न हो. कम्प्यूटर के जरिए इन लोगों ने ईडी अधिकारी के फर्जी आईडी तैयार किए.


ट्रूकॉलर पर भी बदला नाम


दोनों भाई ओडिशा और झारखंड के अलग-अलग सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे. डायरेक्टरी से अधिकारियों के मोबाइल फोन नंबर इकट्ठा करने के बाद वे इन अधिकारियों को व्हाट्सएप कॉल करते थे. उन्होंने अपना नंबर ट्रूकॉलर एप्लिकेशन में भी सेव किया. उन्होंने अपना प्रोफाइल नाम बदलकर 'संजय मिश्रा ईडी' कर लिया.


इस तरह सरकारी अधिकारियों को देते थे धमकी


एसटीएफ के मुताबिक, राज्य सरकार के जिन अधिकारियों की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से जांच की गई, उन्हें इन लोगों ने निशाना बनाया था. उनके तौर तरीकों के बारे में एजेंसी ने बताया, “वे आम तौर पर सरकारी अधिकारियों को सूचित करते थे कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस डिपार्टमेंट से शिकायत दर्ज की गई है और ईडी उनके खिलाफ जांच शुरू करने और छापेमारी करने के लिए तैयार है.”


इस तरह की धमकी देने के बाद वो इन सरकारी अधिकारियों से पैसे की डिमांड करते थे. शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों भाइयों ने लगभग 340 सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया और वे कई मामलों में धन उगाही करने में कामयाब रहे. आज तक, एसटीएफ ने 16 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन को ट्रैक किया है. एसटीएफ के एक बयान में संकेत दिया गया है कि चल रही जांच यह भी निर्धारित करेगी कि क्या वे झारखंड में इसी तरह की प्रतिरूपण गतिविधियों में शामिल थे.


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