PM Modi Security Breach: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendera Modi) की सुरक्षा में पंजाब (Punjab) में हुई गंभीर चूक के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से नियुक्त कमिटी ने फिरोजपुर के तत्कालीन एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस को जिम्मेदार बताया है.कमिटी ने कहा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा का मार्ग बदले जाने की सूचना काफी पहले मिलने के बावजूद एसएसपी अपना दायित्व निभा नहीं पाए.सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में पीएम की सुरक्षा को लेकर भी कुछ सिफारिशें की गई हैं.


जनवरी की है घटना
5 जनवरी को पंजाब में सड़क मार्ग से बठिंडा से फिरोजपुर जा रहे प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा था. इसकी वजह यह थी कि फ्लाईओवर के आगे अचानक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए थे. इसे सुरक्षा में गंभीर चूक की तरह देखा गया क्योंकि राज्य के डीजीपी की सहमति के बाद ही प्रधानमंत्री का रास्ता निर्धारित किया जाता है.मामले को लेकर लॉयर्स वॉइस नाम की संस्था सुप्रीम कोर्ट पहुंची और निष्पक्ष जांच की मांग की थी.


सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमिटी
मामले की जांच के लिए 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को दी गई थी. कमिटी में केंद्र और राज्य सरकार के भी अधिकारियों को रखा गया था. चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने कहा था कि यह कमिटी सुरक्षा में हुई चूक के सभी पहलुओं की पड़ताल करने के अलावा भविष्य में ऐसी घटनाओं के दोहराव से बचने के उपाय भी सुझाएगी।


कोर्ट को मिली रिपोर्ट
कमिटी की तरफ से सौंपी गई रिपोर्ट को आज तीनों जजों ने पढ़ा. इसके बाद बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस एन वी रमना ने कहा कि कमिटी ने फिरोजपुर के तत्कालीन एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस की गलती पाई है. उन्हें राज्य के एडिशनल डीजीपी जी. नागेश्वर राव ने सुबह 10.20 पर पीएम का रूट बदलने की सूचना दे दी थी, राव ने हंस को कई निर्देश भी दिए थे. एसएसपी हंस के पास लगभग 2 घंटे का पर्याप्त समय था,उनके पास काफी सुरक्षाकर्मी भी थे लेकिन उन्होंने पीएम के यात्रा मार्ग में उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की.


कमिटी की सिफारिश
जस्टिस इंदु मल्होत्रा कमिटी ने पीएम की सुरक्षा से जुड़ी 'ब्लू बुक' की समय-समय पर समीक्षा की सिफारिश की है. कमिटी ने देश के पुलिस अधिकारियों को अति विशिष्ट व्यक्तियों (VVIP) की सुरक्षा को लेकर बेहतर ट्रेनिंग देने की भी सिफारिश की है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है.


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