India Sri Lanka Relations: श्रीलंका (Sri Lanka) के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने शुक्रवार (14 अक्टूबर) को कहा कि संकटग्रस्त श्रीलंका को अपने विकास (Sri Lanka Development) के लिए भारत (India) के साथ सहयोग करना होगा. उन्होंने रेखांकित किया कि दोनों देशों ने उत्तर-पूर्वी तट पर त्रिंकोमाली बंदरगाह (Trincomalee Harbour) के विकास के लिए भी हाथ मिलाया है. विक्रमसिंघे त्रिंकोमाली बंदरगाह जिले की एकीकृत विकास योजना का निरीक्षण करने के लिए जिले के दौर पर थे.


उन्होंने कहा, “हमें त्रिंकोमाली बंदरगाह और तेल टैंक परिसर के विकास में भारत के साथ संयुक्त रूप से काम करना होगा.” विक्रमसिंघे ने कहा, “हमने 2003 में त्रिंकोमाली बंदरगाह समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. ट्रेड यूनियनों ने तब तेल टैंक समझौते का कड़ा विरोध किया था.”


तेल की कमी को लेकर यह बोले विक्रमसिंघे


रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि अगर भारत को तेल टैंक संचालित करने की अनुमति दी जाती तो श्रीलंका को आज ईंधन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता. 2003 में प्रधानमंत्री के रूप में विक्रमसिंघे ने इंडियन ऑयल कंपनी को 100,000 अमेरिकी डॉलर के वार्षिक भुगतान पर त्रिंकोमाली में 850 एकड़ में निर्मित तेल टैंक विकसित करने के लिए सम्मानित किया था. इस तेल टैंक का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था.


इससे पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने 16 सितंबर को भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते पहले से भी बेहतर हैं, अब नए सिरे उन्हें अच्छा बनाया जाएगा. भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर उन्होंने कहा था कि वह इसे उन्नत बनाकर व्यापक आर्थिक और तकनीकी भागीदारी करने को लेकर गंभीर हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि 2018-19 में शुरू हुए कार्यों में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई. 


24 साल पहले हुए थे मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर


भारत-श्रीलंका के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर 1998 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2000 में अमल में लाया गया था. यह भारत और श्रीलंका के बीच पहला व्यापार करार था. श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा था कि दोनों देशों को धीरे-धीरे निवेश और गैर-शुल्क अड़चनों को दूर करना है. उन्होंने कहा था कि व्यापार के एकीकरण से भारत का रिश्ता पड़ोसी देशों के साथ तय होगा.


रानिल विक्रमसिंघे ने कहा था कि व्यापार एकीकरण आर्थिक बुनियाद देता है. बेहतर राजनीतिक संबंध और बेहतर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आर्थिर आधार पूर्व शर्त है. इस प्रकार पहला कदम होगा कि मुक्त व्यापार समझौते को पटरी पर लाना है और उसे उन्नत बनाकर व्यापक आर्थिक और तकनीकी भागीदारी का रूप देना है. 2018-19 में मुक्त व्यापार समझौते को लेकर शुरू हुए कार्यों में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई. 


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