Sri Lanka Crisis: आर्थिक तंगी और जनता के गुस्से को झेल रहे श्रीलंका के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. चरम पर महंगाई और आम जरूरत की चीजों के दाम में में बेतहाशा वृद्धि को लेकर लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. जनता का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि उन्होंने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में आग लगा दी. आर्थिक तंगी को लेकर गृह युद्ध की कगार पर खड़े देश श्रीलंका का दोस्त रहा भारत आज फिर उसके साथ खड़ा है. 


आर्थिक परेशानी झेल रहे श्रीलंका को भारत ने आश्वासन दिया है. भारत ने कहा कि हमने पहले भी साथ दिया था और आज भी मजबूती से श्रीलंका के साथ खड़े हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, हम हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और हमेशा मददगार रहे हैं. वे अपनी समस्या पर काम कर रहे हैं, हम देखेंगे कि क्या होता है. जयशंकर ने कहा कि श्रीलंका में अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है.


श्री लंका में भारत के हाई कमिश्नर की तरफ से बयान दिया गया है, इस विषम परिस्थिति में भी भारत अपनी दोस्ती का फर्ज निभाएगा और आज हम श्रीलंका की जनता के साथ खड़े हैं.


किसी भी देश ने नहीं बढ़ाया है मदद का हाथ
आर्थिक तंगी और हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भी अबतक दुनिया के किसी भी देश ने श्रीलंका की तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है, वहां भारत ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए कहा है कि वो हरसंभव श्रीलंका को मदद करेगा. 


एक-एक कर सभी कैबिनेट मंत्री देंगे इस्तीफा
शनिवार से जारी विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा दिया, जिसके बाद विदेश मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया है. अब कहा जा रहा है विक्रमसिंघे की कैबिनेट के सभी मंत्री एक-एक कर अपना इस्तीफा देंगे. उसके बाद 13 अगस्त को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना इस्तीफा सौंपेंगे. 


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