नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल इसकी जानकारी पहले ही दे चुकी हैं. इसी के मद्देनजर आज केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कॉरिडोर के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. गृह सचिव ने जीरो लाइन पर जाकर भी निरीक्षण किया. गृह सचिव ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 सितंबर को कॉरिडोर पर पहुंचने को लेकर भी संबंधित अधिकारियों से बातचीत की.


इस मौके पर गृह सचिव के साथ पंजाब सरकार के मंत्री सुखजिंदर रन्धावा भी मौजूद थे. रंधावा ने आज उन सिख श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी जो पाकिस्तान जाकर करतारपुर साहिब के दर्शन नहीं कर पाएंगे. सुखजिंदर रन्धावा ने बताया कि 60 फुट ऊंचा लिफ्ट वाला टावर बनाया जाएगा जहां से दूरबीन के जरिए गुरद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. बता दें कि अभी भी दूरबीन के जरिए दर्शन की सुविधा है लेकिन नई व्यवस्था इससे बेहतर होगी.


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ऑनलाइन होगा आवेदन, पासपोर्ट को देख कर मिलेगा परमिट
उन्होंने बताया कि जो लोग पाकिस्तान जा कर करतारपुर साहिब के दर्शन करना चाहेंगे, उन्हें एक महीना पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिस के लिए अगले एक दो दिन में वेबसाइट शुरू कर दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिन लोगों के आवेदन किसी कारण से रद्द हो जाएंगे वो चार दिन बाद फिर से आवेदन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते वह खुद जाकर अपना वीज़ा आवेदन भी कर सकते हैं. करतारपुर साहिब जाने के लिए पासपोर्ट तो ज़रूरी होगा लेकिन उस पर कोई भी मोहर नहीं लगाई जाएगी. पासपोर्ट को देख कर परमिट नुमा एक स्लिप बना कर दी जाए गई, जिस के ज़रिए वह पाकिस्तान जा सकेंगे.


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दूसरी बार दर्शन के लिए करना होगा एक साल इंतजार
सुखजिंदर रन्धावा ने यह भी बताया कि जो श्रद्धालु पाकिस्तान जाकर एक बार करतापुर साहिब के दर्शन कर लेंगे वो दोबारा एक साल बाद ही जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि एक दिन में पांच हज़ार श्रद्धालु ही पाकिस्तान जा पाएंगे, लेकिन प्रकाश परब जैसे दूसरे धार्मिक समागमों के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या को बड़ा कर 10 हज़ार तक किया गया है.


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सभी काम 31 अक्टूबर तक पूरे हो जाएंगे
मंत्री ने बताया कि कॉरिडोर को लेकर जितने भी धार्मिक समागम होंगे वह सभी साझा तौर पर एक ही मंच पर ही मनाए जाएंगे. रंधावा ने यह भी बताया कि पाकिस्तान और भारत सरकार द्वारा अभी तक पहला जत्था भेजने की तारीख निश्चित नहीं कि गई है, लेकिन 31 अक्टूबर तक सभी निर्माण कार्य पूरी तरह से मुकम्मल कर लिए जाएंगे.


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