लखनऊ: बकरीद, कुर्बानी और नमाज़ को लेकर एक बार फिर सियासत गरमा गई है. दरअसल, सपा सासंद शफीकुर्रहमान बर्क ने बकरीद के मौके पर ईदगाह और मस्जिद खोले जाने की वकालत की थी. इसके साथ ही उन्होंने कुर्बानी के लिए पशु बाजार लगाए जाने की मांग भी की थी. इसके बाद बीजेपी विधायक और फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने बर्क के इस बयान पर जवाबी हमला किया. वहीं, कानपुर शहर के काज़ी ने भी इस मामले पर बड़ा दिया. आइये विस्तार से जानें किसने अपने बयान में क्या कहा.


सपा सासंद शफीकुर्रहमान ने दिया था यह बयान


शफीकुर्रहमान ने कहा था, 'बकरीद पर मुसलमानों को ईदगाह और मस्जिदों में सामूहिक नमाज़ पढ़ने की अनुमति मिलनी चाहिए. मुझे यकीन है कि जब ज्यादा से ज्यादा मुसलमान अल्लाह के दरबार में मुल्क की भलाई की दुआ करेंगे तो अल्लाह हमारी जरूर सुनेंगे.' इसके साथ ही शफीकुर्रहमान ने बकरीद के मौके पर पशु बाजार लगाए जाने की मांग भी की थी.


सपा सासंद ने कहा कि मस्जिद में पांच लोगों की जमात से बकरीद की नमाज़ नहीं हो पाएगी. सारे मुसलमानों को नमाज पढ़वाइए तभी यह मुल्क बचेगा. ईद पर मुसलमान गिड़गिड़ाकर अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगेंगे और हमें उम्मीद है हमारी भीड़ से नुकसान नहीं बल्कि अल्लाह की रहमत होगी.


बीजेपी विधायक संगीत सोम ने बोला ज़ुबानी हमला


इसके जवाब में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने शफीकुर्रहमान पर ज़ुबानी हमला बोला. सोम ने कहा, 'अगर शफीकुर्रहमान के बयान में दम है तो सबसे पहले पाकिस्तान से कोरोना खत्म हो जाना चाहिए था. जिस तरह आज़म खान की ईद जेल में मनी है, उनकी भी बकरीद जेल में मनेगी. कहां लिखा है कि बकरीद पर खेती करने वाले जानवर कांटे जाएं, साग, आलू खाकर भी ईद मनानी जा सकती है.'


बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार कायदे और कानून से चलती है. सपा सासंद को भी कानून का पालन करना चाहिए. अगर उन्होंने कानून का पालन नहीं किया तो उनकी बकरीद जेल में कटेगी.


हर हाल में करेंगे कुर्बानी- कानपुर शहर काज़ी


बकरीद पर बढ़ती सियासत के बीच कानपुर शहर के काज़ी आलम रजा नूरी ने कहा कि बकरीद के मौके पर हर हाल में कुर्बानी होकर रहेगी. हमें इसकी छूट मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'हमें पूरी उम्मीद है कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार बकरीद के मौके पर कुर्बानी की छूट देगी. मेरी मांग है कि जिस तरह बाकी बाज़ार लग रहे हैं, उसी तरह भेड़-बकरों की बाजार भी लगाई जाए.'


उन्होंने आगे कहा कि बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में छूट मिलनी चाहिए. हमने रमज़ान और तरावीह की नामज़ घर पर अदा कर ली, ईद की नमाज़ भी घर पर ही पढ़ी, लेकिन अब हम कुर्बानी कर के रहेंगे.


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