(Source: ECI | ABP NEWS)
'अगर राहुल गांधी मुसलमान होते तो...', जेल से रिहाई के बाद ये क्या बोल गए आजम खान?
आजम खान हाल ही में सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं. करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद वह जेल से छूटे. उनके खिलाफ जमीन हड़पने, आपराधिक साजिश से लेकर धोखाधड़ी और नफरत फैलाने वाले भाषण के आरोप हैं.

उत्तर प्रदेश की सियासत के बड़े नामों में शामिल आजम खान सीतापुर जेल से करीब 23 महीनों के बाद बाहर आए हैं. आजम रामपुर से 10 बार विधायक और यूपी में प्रभावशाली मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में रह चुके हैं. आजम खान ने हाल ही में अपने ऊपर लगे हेटस्पीच के मुकदमे की तुलना राहुल गांधी पर लगे आरोपों से की है.
आजम खान ने हेट स्पीच पर निचली अदालत के फैसले पर एक ही दिन में फैसला किए जाने को लेकर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा, 'आजम खान की सदस्यता गई तो 5 घंटे के अंदर चुनाव आयोग ने सीट वैकेंट घोषित कर दी. सचिव ने भी कर दी. छठे घंटे इलेक्शन डिक्लेयर हो गया. उन्हीं धाराओं में बल्कि एक दो धाराएं ज्यादा. राहुल गांधी साहब को सजा हुई, इलेक्शन कमीशन ने कोई एक्शन नहीं लिया. सेक्रेटरी जनरल ने कोई एक्शन नहीं लिया. यहां तक कि वो सुप्रीम कोर्ट तक से स्टे ले आए. ये फर्क है आज के हिंदुस्तान में कि आजम खान की तकरीर 5 घंटे में तय हो जाती है और राहुल गांधी को सुप्रीम से स्टे लाने का मौका दिया जाता है. ये फर्क है उनमें और मुझमें क्योंकि मेरा नाम मोहम्मद आजम खान और उनका नाम राहुल गांधी है.'
निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा माना गया: आजम
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम ने एक इंटरव्यू में कहा, 'अभी इंसाफ बाकी है. निचली अदालत का इंसाफ आखिरी नहीं है और ये इंसाफ के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है कि निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा मान लिया गया है. अगर सुप्रीम कोर्ट हमें सजा सुना देती तो यकीनन हमारा जुर्म साबित हो जाता. लेकिन सबसे निचली अदालत के फैसले पर.'
उन्होंने कहा, 'अगर मैं मुसलमान हूं तो आप मुझे जलील करेंगे. मारेंगे आप मुझे. मैं मुसलमान हूं तो आप मुझपर व्यंग्य करेंगे. आप मेरी वतन वफादारी पर शक करेंगे. अगर मैं विक्टिम कार्ड खेल रहा हूं तो मैं हूं. मैंने तो सिर्फ एक ही मुकदमे का जिक्र किया है. मैंने अपना नाम भी सही लिया है और उनका नाम भी सही लिया है. अगर मैं खुलकर बोलूंगा तो मेरे ऊपर और भी मुकदमे कायम करा देंगे.'
मेरे दोनों हाथों में लड्डू: आजम खान
जब उनसे पूछा गया कि पहले अब्बास अंसारी जेल से छूटे, उनकी सदस्यता भी बहाल हो गई. आजम खान जेल से छूट गए. इरफान सोलंकी भी छूट गए. अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी भी छूट गए. क्या कुछ-कुछ खिचड़ी पक रही है तो इस पर उन्होंने कहा कि हम इतने छिछोरे घटिया आदमी नहीं हैं कि अगर दो धाराएं बढ़ गईं तो हम कश्ती से उतरकर पानी में कूद जाएंगे. पौने दो साल की इमरजेंसी के बाद भी जिंदा निकले थे. फिर भेज देंगे तो जिंदा निकले तो गाजी होंगे और मरकर निकले तो शहीद होंगे. हमारे दोनों हाथ में लड्डू हैं.
ओवैसी के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं?
आजम खान से पूछा गया कि असदुद्दीन ओवैसी भी मुस्लिमों के लीडर हैं और वह अपनी बात मुखरता से रखते भी हैं, लेकिन उसके बाद भी उन पर कोई ऐसी कार्रवाई नहीं हुई. इस पर आजम ने कहा, 'मैं कम पढ़ा लिखा, चोर-उचक्का वो बड़े आदमी हैं. उनके खिलाफ मुकदमा कैसे हो जाएगा. वो गली में रहते हैं. उनके घर में ढाई फीट पानी भरता है क्या. मेरे घर में किसी ने जनरेटर का मुंह नहीं देखा. मैं-मैं हूं, मुर्गी चोर, बकरी चोर. चोरों का वही अंजाम होगा, जो मेरा हो रहा है. खता ये नहीं हैं. खता है कलम. जिसे मैंने ठेले और रिक्शा वाले के बच्चे-बच्चियों के हाथ में पकड़ाई.'
23 महीने बाद जेल से छूटे आजम
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान हाल ही में सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं. करीब 23 महीने जेल में रहने के बाद उनकी रिहाई हुई. आजम के खिलाफ जमीन हड़पने, आपराधिक साजिश से लेकर धोखाधड़ी और नफरत फैलाने वाले भाषण के आरोप हैं. 2022 में हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजम खान ने विधानसभा सदस्यता खो दी थी.
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