Mamata Banerjee On Surav Ganguly: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) को लेकर एक बार फिर बीजेपी (BJP) पर हमलावर हो गई हैं. उन्होंने कहा है कि किसी दूसरे के हितों की रक्षा के लिए सौरव गांगुली को वंचित कर देना एक राजनीतिक प्रतिशोध है. उन्होंने कहा है कि दूसरों की रक्षा करने के लिए सौरव गांगुली को हटाया गया है.


ममता बनर्जी ने यहां तक कहा कि आईसीसी प्रमुख का चुनाव लड़ने के नाम पर सौरव गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के नामांकन से वंचित किया गया है. इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि सौरव गांगुली एक लोकप्रिय शख्सियत हैं और इसलिए उन्हें हटाया गया है. साथ ही उन्होंने भारत सरकार से अपील भी की थी कि दादा को लेकर राजनीतिक तौर पर फैसला न लिया जाए, बल्कि क्रिकेट और खेल को ध्यान में रखा जाए. वो किसी राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हैं.


सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी बने अध्यक्ष


सौरव गांगुली की जगह अब साल 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का अध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि एजीएम में इस चुनाव को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हुई और ये संपन्न भी हो गई, लेकिन माना ये जा रहा था कि सौरव गांगुली को आईसीसी का पद मिल सकता है. वहीं जय शाह दूसरी बार सचिव चुने गए हैं.


टीएमसी का बीजेपी पर निशाना


इससे पहले टीएमसी के नेता मदन मित्रा ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सौरव गांगुली को बीसीसीआई का अध्यक्ष इसलिए बनाया गया था ताकि बीजेपी उन्हें ममता बनर्जी के खिलाफ अपने संभावित मुख्यमंत्री के रूप में सामने ला सके. उन्होंने कहा कि लेकिन सौरव गांगुली वो नहीं कर पाए जो मिथुन चक्रवर्ती ने बीजेपी के लिए कर दिखाया. बीजेपी में शामिल होने से इनकार करने वाले लोगों को जेल में बंद कर दिया जाता है, लेकिन बीजेपी गांगुली के साथ ऐसा नहीं कर पाई क्योंकि वो देश के प्रतीक हैं.


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