Sonia Gandhi Raised Questions on Education System: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में सरकार ने केवल अपने एजेंडे को लागू करने की कोशिश की, शिक्षा संस्थानों का निजीकरण और सांप्रदायीकरण किया गया. सोनिया गांधी ने कहा कि साल से शिक्षा पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जुड़े बड़े बदलावों को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों से एक बार भी बात नहीं की, जबकि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के लिए राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जाना और फंड रोकना शर्मनाक बात है. उन्होंने आगे कहा कि यूजीसी नियमों के नए मसौदे में राज्य सरकारों के विश्वविद्यालय में भी कुलपति की नियुक्ति से राज्यों को बाहर कर राज्यपाल के ज़रिए केंद्र सरकार को अधिकार दिया गया है जो संघवाद पर बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था की हत्या बंद होनी चाहिए.
शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल लेख में सोनिया गांधी ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने अपने लेख में कहा, "निजीकरण को बढ़ावा देने के कारण 2014 के बाद से क़रीब साढ़े नवासी हज़ार (89,441 )सरकारी स्कूल बंद हुए और क़रीब तेतालीस हजार (42,944) निजी स्कूल खुले.' उन्होंने कहा कि NAAC और NTA जैसी संस्थाएं भ्रष्टाचार के चपेट में हैं.
केंद्र सरकार सांप्रदायिकरण पर दे रही है जोर उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस और बीजेपी के वैचारिक एजेंडे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार सांप्रदायिकरण पर जोर दे रही है. महात्मा गांधी की हत्या और मुगल काल को इतिहास के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है. शिक्षकों और महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों के संचालकों की नियुक्ति में योग्यता से समझौता कर विचारधारा को प्राथमिकता दी जा रही है.
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