Al-Shabaab Terrorist Group: पूर्वी अफ्रीका के देश सोमालिया (Somalia) की राजधानी मोहादिशु (Mogadishu) के एक होटल में अल शबाब (Al-Shabaab) के आतंकियों ने 15 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. कई घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. यह आतंकी संगठन इससे पहले कई भयानक हमलों को अंजाम दे चुका है.


अमेरिका (America) ने 2008 में अल शबाब को आतंकी संगठन घोषित (Terrorist Group) किया था. इसके कई आतंकियों के सिर करोड़ों डॉलर का ईनाम घोषित है. यह दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है, जिसका नाता पाकिस्तानी आतंकी संगठन अलकायदा, नाइजीरिया के बोको हरम और आईएआईएस जैसे आतंकी सगठनों के साथ है. आइये इस आतंकी संगठन के बारे में विस्तार से जानते हैं.


अल शबाब आतंकी संगठन का पूरा नाम हरकत अल-शाबाब अल-मुजाहिद्दीन है. अरबी भाषा में अल शबाब का अर्थ 'युवावस्था या तरक्की का दौर' होता है. इसके सरगना का नाम अहमद उमर है, जिसके हाथ संगठन की कमान 2014 के बाद से अब तक है. यह आतंकी संगठन सोमालिया के अलावा इथियोपिया और केन्या में सक्रिय है और इसका नेटवर्क, अफ्रीका से निकलकर यूरोप और अमेरिका तक फैला है. 


कब हुई अल शबाब की शुरुआत?


इस आतंकी संगठन की शुरुआत 2006 में हुई थी और 2012 में अलकायदा में इसका विलय हो गया था. सोमालिया 1991 में सईद बर्रे की सरकार के पतन के बाद से लगातार स्थिर सरकार बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है. 2004 के बाद से सोमालिया में ट्रांजिशनल फेडरेशन गवर्नमेंट (टीएफजी) है, जिसे अमेरिका का समर्थन प्राप्त है. 2006 की शुरुआत में सोमाली इस्लामिक कोर्ट काउंसिल (इसे इस्लामिक कोर्ट यूनियन भी कहा गया) ने दक्षिणी सोमालिया के कुछ हिस्सों में कब्जा कर लिया था. इसी काउंसिल की उग्रवादी शाखा को अल शबाब कहा जाता है. 2006 से सोमालिया की अस्थिर सरकार के खिलाफ अल शबाब ने जंग छेड़ रखी है. 


यह संगठन आत्मघाती हमले, गुरिल्ला अटैक और अन्य तरीकों से वारदातों को अंजाम देता है. अब तक इस आतंकी संगठन के हमले सोमालिया, केन्या, युगांडा और जिबूती में देखे गए हैं. 


तालिबान से ली ट्रेनिंग, बच्चों को बनाता है आत्मघाती


2006 में सोमालिया में सेना से हारने के बाद, संगठन ने अपने आतंकियों को ट्रेनिंग लेने के लिए अफगानिस्तान में तालिबान के पास भेजा था. इसके आतंकियों की संख्या 15 हजार के आसपास है. कहा जा रहा है कि इस्लामिक कट्टरपंथियों के बीच अलकायदा की लोकप्रियता घटने के बाद अल शबाब उन्हें खासा पसंद आ रहा है. संगठन को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई थी. संगठन 10 साल से भी छोटे बच्चों को आत्मघाती हमलों की ट्रेनिंग देता है और उन्हें जन्नत के सपने दिखाता है. इसके लिए अल शबाब बाकायदा बच्चों का स्कूल चला रहा है.


इतना फैला है आतंकी संगठन


अल शबाब सोमालिया में पश्चिमी देशों के दखल का विरोध करता है और पूरी तरह से शरिया कानून लागू करना चाहता है. संगठन इस्लामिक राज्य के निर्माण की कोशिश में है. यह आतंकी संगठन इस्लाम की कट्टर स्वरूपों में से एक वहाबी इस्लाम को मानता है और इसे पूरे सोमालिया में इसे लागू करना इसका मकसद है. सोमालिया के जिन इलाकों में अल शबाब का वर्चस्व हैं, वहां इस्लाम का शरिया कानून चलता है. अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, कनाडा, सयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने अल शराब को आधिकारिक तौर पर आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. इस संगठन के दो अमेरिकी आतंकियों उमर शफीक हम्मामी और जेहाद सेरवान मुस्तफा के सिर 5 करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित है. 2014 में अमेरिकी एयर स्ट्राइक में इसका मुखिया मुख्तार अबू जुबैर मारा गया था. इसके बाद से आतंकी संगठन की कमान अहमद उमर नाम के आतंकी के हाथ में है. 


इन बड़े हमलों को दिया अंजाम


अल शबाब अब कई दिल दहलाने वाले हमले कर चुका है.



  • 2010 में युगांडा के कंपाला में आतंकी हमले में 74 लोग मारे गए थे.

  • 2013 में केन्या के नैरोबी में एक शॉपिंग मॉल में हमला किया गया था, जिसमें 67 लोगों की जान चली गई थी.

  • 2015 में केन्या के गरिसा में आतंकी हमले में 147 लोगों की मौत हुई थी.

  • 15 अक्टूबर 2017 को अल शबाब ने अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला किया था, तब डबल ट्रक बमबारी से अल शबाब ने तकरीबन 320 लोगों की जान ले ली थी.

  • 28 दिसंबर 2019 को मोहादिशु की जांच चौकी पर धमाके में 85 लोगों की जान चली गई थी.

  • 6 जनवरी 2020 को लामू के पास केन्याई सैन्य अड्डे पर हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत हुई थी.

  • हाल में 17 अगस्त को अमेरिका ने एयर स्ट्राइक के जरिये अल शबाब के 12 आतंकियों को मार गिराया था.


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