Defense Expo: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (19 अक्टूबर) को गुजरात के गांधीनगर डिफेंस एक्सपो में एक खास भारतीय पवेलियन का उद्घाटन किया है. इस हॉल में वैसे तो एक से एक स्वदेशी टैंक, तोप, मिसाइल और ड्रोन रखे हैं. इनमें सबसे खास  बीएमपी सी-थ्रू आर्मर है, जो सैनिकों के लिए एक अदृश्य त्रिनेत्र शक्ति का काम करेगी.


पिछले कई दशक से भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड-इन्फेंट्री सैनिकों की मूवमेंट के लिए रूस की मदद से तैयार की गई बीएमबी व्हीकल इस्तेमाल करती आई है. इन बीएमबी व्हीकल को भारत की ओएफबी यानी ऑर्डनेंस फैक्ट्री रूस की मदद से भारत में ही बनाती आई थी.


कुछ महीने पहले आई थी सेना को परेशानी
हालांकि कुछ महीनों पूर्वी लद्दाख में चीन से टकराव के वक्त भारतीय सेना को इन बीएमबी व्हीकल से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलओसी) पर ऑपरेशन्ल परेशानियां सामने आई थी. इनमें सबसे बड़ी समस्या यह थी कि अंदर बैठे कमांडर और ड्राइवर को बाहर की हरकतों के बारे में ठीक ठीक दिखाई नहीं पड़ता था. ऐसे में युद्ध के मैदान या फिर दुश्मन की सीमा में दुश्मन की हरकत का पता नहीं चल पाता था.

 चेन्नई के एक स्टार्टअप ने बनाया

इसके बाद भारतीय सेना ने चेन्नई के एक स्टार्टअप से संपर्क किया था. चेन्नई के बिग बैंग बूम सोल्यशन ने एक ऐसा चश्मा तैयार किया है, जिसमें एक खास तरह का कैमरा लगा है. ये कोई साधारण कैमरा नहीं बल्कि सी-थ्रू कैमरा है. इस कैमरे से बीएमबी में अंदर बैठकर रणभूमि का 360 डिग्री व्यू मिल सकता है. बिंग बैंग सोल्यशन के चीफ अधिकारी, गौरव शर्मा ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि ये सी-थ्रू सॉफ्टवेयर पूरी तरह से स्वदेशी है.

साफ दिखता है वीडियो

इससे ना केवल बाहर की 700 मीटर तक की पूरी तस्वीर सामने दिखाई पड़ती है बल्कि कौन सा टैंक दुश्मन का है या अपनी सेना का है वो तक का भी पता चल जाता है. इसके लिए कैमरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल भी किया गया है. साथ ही कैमरे की क्वालिटी फुल एचडी है जिससे बाहर का वीडियो बेहद साफ दिखाई पड़ता है. इसके अलावा इसको दिन और रात दोनों समय में इस्तेमाल किया जा सकता है. 


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