Six Years Demonetisation: नोटबंदी के छह साल पूरे होने पर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने पीएम मोदी को छोटे और मध्यम बिजनेस को खत्म करने वाला बताया है.
राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा, "नोटबंदी को पे पीएम (PayPM)' जानबूझकर लेकर आए ताकि वह सुनिश्चित कर सकें कि उनके 2-3 अरबपति दोस्तों का छोटे और मध्यम उघोगों को खत्म करके भारत की अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार हो जाए. उन्होंने सोमवार (7 नवंबर) को भी ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था, ''काला धन नहीं आया, बस ग़रीबी आई है. इकॉनमी कैशलेस नहीं, कमजोर हुई है. आतंकवाद नहीं, करोड़ों छोटे व्यापार और रोज़गार खत्म हुए. 'राजा' ने नोटबंदी में, ‘50 दिन’ का झांसा दे कर अर्थव्यवस्था का DeMo-lition कर दिया.
विपक्ष लगातार कर रहा हमला
टीएमसी प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने नोटबंदी को 'नौटंकी' बताया. उन्होंने मंगलवार (8 नवंबर) को एक ट्वीट में कहा: '6 साल पहले, आज ही के दिन एक नौटंकी जो आर्थिक नरसंहार साबित हुई. इस बारे में मैंने 2017 में मेरी किताब इनसाइड पार्लियामेंट में लिखा था.’’ वहीं सीताराम येचुरी ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह 'सभी अच्छी समझ, सबूत और सलाह के विरुद्ध, नोटबंदी के आपराधिक कृत्य पर अपना ढोल पीट रही है.
नोटबंदी क्यों हुई थी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म करने के दावे के साथ 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसका मकसद उन्होंने भारत को 'कम नकदी' वाली अर्थव्यवस्था बनाना बताया था. यह भी कहा गया कि इससे आतंकियों की मिलने वाली फंडिंग को समाप्त करने में मदद मिलेगी.