लखनऊ: मुलायम सिंह यादव के एक आईपीएस अफ़सर को धमकी देने की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है. डीएसपी की अगुवाई में चार पुलिस अधिकारियों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम जल्द काम शुरू कर देगी. यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव पर आरोप है कि उन्होंने आईजी अमिताभ ठाकुर को फ़ोन पर धमकी दी थी.


बात 10 जुलाई 2015 की है, तब यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी. अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि मुलायम सिंह यादव ने गायत्री प्रजापति की पैरवी करने के बहाने उन्हें देख लेने की धमकी दी थी. गायत्री उन दिनों यूपी के खनन मंत्री थे जो अब जेल में बंद हैं. लखनऊ पुलिस ने इस मामले में मुलायम सिंह यादव पर केस दर्ज करने से मना कर दिया था. बाद में ठाकुर कोर्ट चले गए. फिर अदालत के आदेश के बाद मुलायम सिंह यादव पर हज़रतगंज थाने में मुकदमा लिखा गया. लेकिन अखिलेश यादव के राज में जांच आगे नहीं बढ़ी.


मुलायम सिंह यादव पर धमकी के आरोप लगाने पर अखिलेश सरकार ने अमिताभ ठाकुर को निलंबित कर दिया था. ठाकुर लगातार कोर्ट में लड़ाई लड़ते रहे. पहले ख़ुद बहाल हुए और अब मुलायम सिंह यादव के ख़िलाफ़ जांच आगे बढ़वाने के लिए जुटे हुए हैं. इस केस में पुलिस अब तक मुलायम सिंह यादव के आवाज़ के नमूने भी नहीं ले पाई है, जबकि कोर्ट ने 20 अगस्त 2016 को ही इसके आदेश दे दिए थे.


मुलायम सिंह यादव के दिल्ली और लखनऊ वाले घर पर कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन वे आवाज़ के नमूने देने को अब तक तैयार नहीं हुए हैं. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद अब जांच में तेज़ी की उम्मीद बढ़ी है.