Waqf Amendment Act: देश के कई हिस्सों में वक्फ संशोधन कानून को लेकर अलग-अलग मुस्लिम संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, हैदराबाद समेत कई जगहों पर काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल को विरोध किया गया. बंगाल के मुर्शिदाबाद में तो इस नये बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबलों में झड़प तक हो गई. इस बीच AIMIM नेता शोएब जामई ने कहा कि पूरा सिस्टम इस्लामोफोबिया से ग्रस्त है.

'हिंदू करे तो शक्ति प्रदर्शन, मुसलमान करे तो दंगा प्लान'

AIMIM नेता शोएब जमई ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "हथियार लेकर प्रदर्शन करने वाले हिदू संगठन के हुड़दंग को शक्ति प्रदर्शन कहा जाता है और मुस्लिम संगठन जब वक्फ कानून के खिलाफ महज काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करती है तो उसे दो लाख का बॉन्ड भरना पड़ता है. मीडिया में इसे दंगा प्लान कहा जाता है. सच बात तो यह है कि अब सारे नागरिक एक समान नहीं रहे."

काली पट्टी बांधकर विरोध करने वालों को भेजा नोटिस

उत्तर प्रदेश में काली पट्टी बांधकर वक्फ बिल का विरोध करने वालों को नोटिस भेजा गया. प्रशासन ने सीतापुर और मुजफ्फरनगर में कई लोगों से 2 लाख रुपये का मुचलका भरने को कहा है. अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है. प्रशासन का कहना है कि इन्होंने लोगों को उकसाने का काम किया है. मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ-साथ समुदाय के जिम्मेदार प्रतिष्ठित लोग और जमीयत उलेमा ए हिंद के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी नोटिस जारी किया.

'विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा निराशाजनक'

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एमएम) ने केंद्र पर वक्फ (संशोधन) कानून के जरिए मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का आरोप लगाया. इस संगठन की ओर से कहा गया, "विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा निराशाजनक है और जो तत्व विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा में लिप्त हो रहे हैं, वह वास्तव में वक्फ की रक्षा के इस आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं."

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