SHO Suman Singh: यूपी के कुशीनगर में 20 अक्टूबर को सुबह 3:00 बजे 25 हजार के इनामी बदमाश और गौ तस्कर का एनकाउंटर कर सुर्खियों में आईं एसएचओ सुमन सिंह राज्य की पहली महिला एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जानी जाने लगी हैं. हालांकि, उनका कहना है कि तस्कर का एनकाउंटर बहुत आसान नहीं था. एक टीवी चैनल से खास बातचीत में वह कहती है कि तस्कर ने सोचा था कि महिला पुलिसकर्मी उसका क्या बिगाड़ लेगी! 


एनकाउंटर के बाद पैर पर गिरकर गिड़गिड़ाया तस्कर
एनकाउंटर को याद करते हुए सुमन सिंह कहती हैं, "उसने (तस्कर ने) पुलिस की टीम पर फायरिंग भी की लेकिन एनकाउंटर के बाद जब हम लोगों ने उसे घेर लिया तो वह पैर पर गिरकर गिड़गिड़ाने लगा." यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शक्ति दीदी योजना की सराहना करते हुए सुमन सिंह ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को भी पुरुष कर्मियों की तरह ही सब कुछ करने की ट्रेनिंग मिलती है. मुख्यमंत्री का आदेश है कि महिलाओं को भी प्रशासन में बढ़-चढ़कर भागीदारी देनी होगी. उसी आदेश का अनुपालन करते हुए एसपी ने तस्कर को पकड़ने के लिए भेजा था.


'चुनौती भरा था एनकाउंटर, डर भी लगा'
वह कहती हैं, "मैं यह साबित करना चाहती थी कि महिला पुलिस भी आवश्यकता पड़ने पर आरोपी का एनकाउंटर कर सकती है. यह मेरे और मेरी टीम के लिए एक चुनौती जैसा था, जिसे हमने पूरा किया." वह कहती है कि पुलिस से घिरने के बाद तस्कर जब फायरिंग कर रहा था तब अपने और साथियों को लेकर डर भी लगा, लेकिन डर कर पीछे हटने का सवाल नहीं था."


तस्कर के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले, पुलिस पर चलाई थी गोली
फिलहाल कुशीनगर के बरवापट्टी थाने की प्रभारी सुमन सिंह कहती हैं, "जिस तस्कर का एनकाउंटर किया गया उसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे. खड्डा क्षेत्र में लगातार गौ तस्करी बढ़ रही थी. हम लोगों को लगातार अलर्ट रहने के निर्देश मिले थे."


वह बताती हैं, "20 अक्टूबर को मुखबिरों से सूचना मिली कि रामकोला क्षेत्र में गौ तस्कर को देखा गया है. एसपी धवल ने मुझे मौके पर जाने का आदेश दिया. मेरे साथ चार महिला पुलिसकर्मी थीं. हम लोगों ने पहले उस रोड को जाम किया, जहां से आरोपी के निकलने की सूचना मिली थी. हमें उसका हुलिया पता था.''


वह आगे बताती हैं, "10-15 मिनट के बाद जब वह आता हुए दिखा तो सामने रोड जाम देखकर वह भी समझ गया कि चेकिंग चल रही है, लेकिन बेखौफ होकर वह हमारी ओर आ रहा था. महिला पुलिसकर्मियों को देखकर वह बेफिक्र था. जब हमने उसे रुकने का इशारा किया तो वह गाड़ी मोड़कर भागने लगा. उसके बाद हम लोगों ने उसका पीछा किया. कुछ दूर तक दौड़ने के बाद भी जब वह नहीं रुका तो हमने पहले उसके पैर में गोली मारी, इसके बाद उसने भी पुलिस टीम पर हमला कर दिया.''


उन्होंने बताया, ''हम लोगों ने जब उसकी घेराबंदी की तो वह लगातार गोली चला रहा था, लेकिन फिर हम लोगों ने उसे कुछ दूर और दौड़ने के बाद उसके पैर पर गोली मारी, जिसके बाद वह जख्मी होकर गिर गया. जब उसे हम लोगों ने घेरना शुरू किया तो वह जान बचाने के लिए गिड़गिड़ाने लगा. हमारे साथ मौजूद पुरुष पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया. उसकी गाड़ी और असलहा भी बरामद  कर लिया गया.


4 साल के बच्चे की मां हैं सुमन, पिता भी थे पुलिस में
सुमन बताती हैं कि उनके पिता भी पुलिस में थे और 2005 में कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था. वह तीन बहनों में सबसे छोटी हैं. अपनी लगन से वह पुलिस में आई हैं. उनका एक 4 साल का बेटा भी है.


महिलाओं के लिए खास संदेश
सुमन सिंह महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का संदेश देते हुए कहती हैं कि जो काम पुरुष कर सकते हैं वे महिलाएं भी कर सकती हैं. इसलिए महिलाओं को बढ़ चढ़कर पुलिस में आना चाहिए और हर चुनौती का सामना डटकर करना चाहिए.


बता दें कि सुमन सिंह की पहली पोस्टिंग गोरखपुर में हुई थी. 2012 में मुरादाबाद पीटीएस में ट्रेनिंग के बाद गोरखपुर में पहली पोस्टिंग हुई और 2022 से उनकी तैनाती कुशीनगर में है. अब वह एनकाउंटर करने वाली यूपी की महिला सुपर कॉप के तौर पर जानी जा रही हैं.


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