मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिए केंद्र सरकार को 2019 की वैश्विक लोकतंत्र निर्देशांक में भारत की रैंकिंग में आई गिरावट के लिए घेरा है. इस बार जारी सूची में भारत 10 रैंक की गिरावट के साथ 51वीं पोजिशन पर आ चुका है. संपादकीय में देश की चुनाव प्रक्रिया, विविधता, सरकार की कार्यप्रणाली, राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, अभिव्यक्ति की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर ध्यान खींचते हुए सरकार पर हमला बोला गया है.

शिवसेना ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा है कि जिस तरीके से हिंदुस्तान आर्थिक मामले में नीचे आया है वैसे ही लोकतंत्र के मामले ने भी नीचे गिर चुका है. केंद्र सरकार के बड़े नेताओं और उनके समर्थकों को भक्त कहते हुए कहा गया कि अब इस रिपोर्ट को हिंदुस्तान विरोधी और मोदी सरकार विरोधी करार दे दिया जाएगा. इस रिपोर्ट के पीछे हिंदुस्तान विरोधी ताकतों का हाथ भी बता दिया जाएगा. ऐसा आरोप सामना के संपादकीय में लगाया गया है.

देश के आर्थिक हालात पर सरकार को घेरते हुए सामना में पूछा गया कि बड़े-बड़े आंकड़ों में सरकार कहती है कि हालात अच्छे हैं. अगर ऐसा है तो रिजर्व बैंक के आगे हाथ क्यों फैलाना पड़ा है. सरकार 2024 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात करती है पर जीडीपी में गिरावट, कृषि उत्पादन और रोजगार में कमी सब की गिरावट जारी है. ऐसे में सपना कैसे पूरा होगा.

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