शिवसेना ने बुधवार को अपने समाचार पत्र सामना के जरिए दावा किया है कि बीजेपी कोविड 19 महामारी से  निपटने के बजाय अपनी छवि को सुधारने और अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए काम कर रही है. सामना में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जीतने में नाकाम रहने के बाद बीजेपी ने अपना ध्यान उत्तर प्रदेश पर केंद्रित कर लिया है. साथ ही शिवसेना ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'मिशन उत्तर प्रदेश' पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की है. 


बीजेपी की आलोचना करते हुए सामना में कहा गया है कि 'ऐसा लगता है जैसे देश में सभी मुद्दों का समाधान हो गया है और चुनाव घोषित करने और उन्हें लड़ने का ही काम बचा है, निस्संदेह संसदीय लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या वर्तमान स्थिति में चुनाव प्राथमिकता है? 'सामना में बताया गया है कि बीजेपी अपनी खराब छवि को बेहतर इस वजह से बनाने में लगी है, क्योंकि यूपी यूपी के पंचायत चुनावों में उसने ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था.


बंगाल में आठ चरणों में हुए मतदान की वजह से फैला वायरस


सामना में दावा किया गया है कि कोविड 19 के मद्देनजर असम, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में चुनाव स्थगित करने या एक ही चरण में कराने की मांग की जा रही थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान हुआ जिसकी वजह से कोरोना वायरस न केवल पश्चिम बंगाल में बल्कि पूरे देश में फैल गया.


'कोविड को रोकना होनी चाहिए प्राथमिकता'


सामना में कहा गया है कि यूपी में कोविड 19 प्रबंधन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और बीजेपी को वहां के विधानसभा चुनावों और 2024 में लोकसभा चुनावों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस को रोकने पर ध्यान देना चाहिए, वरना गंगा नदी हिंदू शवों की वाहक होगी.


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