Sheesh Mahal Corruption Investigation: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिविल लाइंस स्थित जिस सरकारी बंगले का नवीनीकरण कराया था, केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उसके जांच के आदेश दे दिए हैं. ये जांच केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की ओर से की जाएगी, जिसमें भ्रष्टाचार के कथित आरोपों की समीक्षा होगी.

BJP विधायक विजेंद्र गुप्ता की ओर से की गई शिकायत के आधार पर CVC ने इस मामले को संज्ञान में लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकारी बंगले का निर्माण और नवीनीकरण इलीगल तरीके से किया गया था. शिकायत में बताया गया कि 40,000 वर्ग गज में बने इस बंगले के निर्माण में भवन नियमों का उल्लंघन किया गया. साथ ही FAR मानदंडों का पालन नहीं किया गया. इसके अलावा राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47 को भी इस निर्माण में शामिल किया गया जो पहले सीनियर अधिकारियों और न्यायाधीशों के सरकारी आवास थे.

13 फरवरी 2025 को CVC ने जांच के लिए दिए नए निर्देश

CVC ने 16 अक्टूबर 2024 को इस शिकायत को औपचारिक रूप से रजिस्टर्ड किया और 5 नवंबर 2024 को इसकी पुष्टि की. इसके बाद मामले की जांच के लिए CPWD के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) को निर्देश दिया गया. 5 दिसंबर 2024 को CPWD ने अपनी प्रारंभिक तथ्यात्मक रिपोर्ट (Preliminary Factual Report) CVC को सौंप दी. 13 फरवरी 2025 को इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद CVC ने CPWD को विस्तार से जांच करने के निर्देश दिए.

इसके अलावा 21 अक्टूबर 2024 को विजेंद्र गुप्ता ने CVC को एक और शिकायत दी जिसमें मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण और आंतरिक सजावट पर अत्यधिक खर्च को लेकर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की बात कही गई. उन्होंने आरोप लगाया कि टैक्सपेयर्स के पैसे से करोड़ों रुपये खर्च किए गए जो सामान्य बजट से कहीं ज्यादा थे.

CVC ने 5 नवंबर 2024 को शिकायत पर संज्ञान लिया

5 नवंबर 2024 को CVC ने इस शिकायत को भी संज्ञान में लिया और CPWD के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को जांच के निर्देश दिए. 24 दिसंबर 2024 को CPWD ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट सौंपी. 13 फरवरी 2025 को इस रिपोर्ट की समीक्षा के बाद CVC ने CPWD को इस मामले की विस्तार से जांच करने और नवीनीकरण में खर्च की गई राशि की वैधता की पुष्टि करने के लिए कहा. अब इस जांच के नतीजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

'शीश महल' घोटाले पर CVC सख्त

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने ANI से बातचीत में कहा "AAP और अरविंद केजरीवाल की शीश महल से जुड़ी भ्रष्टाचार की कहानी अब सबके सामने आ चुकी है. CVC ने तथ्यों के आधार पर इस मामले का संज्ञान लिया है. मैंने 14 और 21 अक्टूबर को CVC को दो पत्र लिखे थे जिनमें इस घोटाले की पूरी जानकारी दी गई थी". उन्होंने आरोप लगाया कि शीश महल का मूल क्षेत्रफल 10,000 गज से भी कम था, लेकिन इसके आसपास के बंगले और 8 Type-5 फ्लैटों को खाली कराकर इसमें मिला दिया गया. 

इस तरह ये इलाका लगभग 50,000 गज तक बढ़ गया जो पूरी तरह से इलीगल है. इतना ही नहीं इसमें करोड़ों रुपये के महंगे लग्जरी आइटम्स भी बिना किसी रिकॉर्ड के लगाए गए. गुप्ता ने आगे बताया कि मेरे इन दो पत्रों के आधार पर CVC ने CPWD से एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. अब CPWD की रिपोर्ट के आधार पर CVC ने इस पूरे मामले की विस्तार से जांच के आदेश दे दिए हैं. इससे साफ है कि केजरीवाल सरकार ने जनता के पैसों का भारी दुरुपयोग किया है और अब धीरे-धीरे सच्चाई सामने आ रही है.

ये भी पढ़ें: FairPlay Money Laundering Case: 'हर महीने पाकिस्तानी रहीम यार खान के खाते में जाते थे 6 करोड़', ED ने फेयरप्ले मामले में खोला बड़ा राज, दो गिरफ्तार