Shashi Tharoor On Sengol: कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने रविवार (28 मई) को राजदंड यानी सेंगोल को लेकर विवाद पर सरकार और विपक्ष दोनों की दलीलों को अपनी-अपनी जगह सही बताया. शशि थरूर ने अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर वर्तमान मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया.

शशि थरूर ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘सेंगोल’ विवाद पर मेरा अपना विचार है कि दोनों पक्षों की दलीलें अपनी-अपनी जगह सही हैं. सरकार का तर्क सही है कि राजदंड पवित्र संप्रभुता और धर्म के शासन को मूर्त रूप देकर परंपरा की निरंतरता को दर्शाता है. विपक्ष का तर्क सही है कि संविधान को लोगों के नाम पर अपनाया गया था और यह संप्रभुता भारत के लोगों में, संसद में उनके प्रतिनिधित्व के रूप में मौजूद है और ये दैवीय अधिकार के तहत सौंपा गया किसी राजा का विशेषाधिकार नहीं है.’’

राजदंड संबंधी एक ऐसी कहानी है जिसका सबूत नहीं- शशि थरूर

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘अगर सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में माउंटबेटन द्वारा (जवाहरलाल) नेहरू को दिए गए राजदंड के बारे में अप्रासंगिक जानकारियों को छोड़ दिया जाए तो दोनों पक्षों के रुख के बीच सामंजस्य बैठाया जा सकता है. (राजदंड संबंधी) यह एक ऐसी कहानी है जिसका कोई सबूत नहीं है. इसके बजाय हमें बस इतना कहना चाहिए कि राजदंड शक्ति और अधिकार का एक पारंपरिक प्रतीक है और इसे लोकसभा में रखकर भारत इस बात की पुष्टि कर रहा है कि वहां संप्रभुता रहती है, किसी राजा के पास नहीं.’’

अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर वर्तमान मूल्यों को मजबूत करें- शशि थरूर

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ‘‘आइए हम अतीत के इस प्रतीक को अपनाकर अपने वर्तमान मूल्यों को मजबूत करें.’’ दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया और ऐतिहासिक राजदंड ‘सेंगोल’ को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप स्थापित किया.

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