रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में शुक्रवार (06 दिसंबर, 2025) को राष्ट्रपति भवन में आज आयोजित राजकीय भोज में कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी शामिल हुए. हाल के दिनों में उन्हें कई बार केंद्र की मोदी सरकार के प्रति सकारात्मक बयान देते हुए भी देखा गया है. कांग्रेस में इसे लेकर बेरुखी भी देखी गई. ऐसे में कई बार यह चर्चा सामने आई है कि थरूर कांग्रेस छोड़ देंगे. ऐसी चर्चाओं के बीच एक मीडिया चैनल से बातचीत में शशि थरूर ने अपना रुख साफ कर दिया.

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित स्टेट डिनर में शामिल होने के बाद कहा कि वे कांग्रेस छोड़ने की अफवाहों से परेशान नहीं हैं और पार्टी में ही बने रहेंगे. थरूर ने कहा कि उन्हें यह निमंत्रण उनकी संसदीय भूमिका और अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े काम के कारण मिला है, ना कि राजनीति बदलने के संकेत के रूप में.

राष्ट्रपति भवन में डिनर को बताया सम्मानथरूर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर में शामिल हुए. उन्होंने NDTV को दिए इंटरव्यू में कहा,'मैं लंबे समय बाद राष्ट्रपति भवन आया हूं. इस बार सरकार ने अलग-अलग राजनीतिक आवाजों को शामिल करने का फैसला किया लगता है. यह अच्छी बात है.' उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों पर काम करने के कारण इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होना उनके लिए महत्वपूर्ण है.

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राहुल गांधी और खरगे को न्योता न मिलने पर प्रतिक्रियाजब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण क्यों नहीं मिला, तो थरूर ने कहा, 'मुझे नहीं पता निमंत्रण किस आधार पर दिए गए. लेकिन मुझे बुलाया जाना सम्मान की बात है.' कांग्रेस के कई नेताओं ने इस बात पर सवाल उठाए थे.

सरकार से सहयोग का मतलब पार्टी बदलना नहीं: थरूरथरूर ने साफ कहा कि कुछ मुद्दों पर सरकार के साथ काम करना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इसका मतलब पार्टी बदलना नहीं होता. उन्होंने कहा, 'हम कुछ बातों पर असहमत होते हैं और कुछ पर सहमत. जहां सहमति है, वहां मिलकर काम होना चाहिए. यही लोकतंत्र है.'

पार्टी बदलने पर जवाबहाल ही में सरकार के प्रति सकारात्मक बयान देने के बाद थरूर के पार्टी बदलने की चर्चाएं तेज हो गई थीं. इस पर उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस पार्टी का सांसद हूं. बहुत मेहनत से चुनाव जीता है. किसी और विकल्प पर सोचना भी बड़ा फैसला होगा.' थरूर ने बताया कि डिनर से पहले भी वे सरकारी अधिकारियों से अपने क्षेत्र के विकास की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'ये मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने मतदाताओं के लिए काम करूं.'