NCP Meeting: महाराष्ट्र की राजनीति मची उथल-पुथल के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां वो पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए पहुंच रहे हैं. जहां आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है. इससे पहले उनके भतीजे अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया और शरद पवार को इस पद से हटाने की बात सामने आई. दोनों ही धड़ों ने अपनी-अपनी बैठक बुलाई, जिसमें भतीजे अजित पवार चाचा पर भारी पड़ते दिखे. शरद पवार के दिल्ली दौरे से पहले उनके समर्थन में प्रदर्शन भी हो रहे हैं. पवार समर्थक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं कि वो उनके साथ खड़े हैं. 

दिल्ली में भी लगे पोस्टरशरद पवार के दिल्ली रवाना होने से पहले उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए. दिल्ली में NCP प्रमुख शरद पवार के आवास के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर में लिखा गया है, "सच और झूठ की लड़ाई में पूरा देश शरद पवार साहेब के साथ है और भारत देश का इतिहास है कि इसने कभी धोखा देने वाले को माफ नहीं किया." इससे पहले मुंबई में भी इसी तरह के पोस्टर देखे गए. 

शरद पवार के खेमे में कम विधायकएनसीपी में दो फाड़ होने के बाद अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार की तरफ से विधायकों की बैठक बुलाई गई. अजित पवार की तरफ से बुलाई गई बैठक में कुल 32 विधायक शामिल हुए, जबकि शरद पवार की बैठक में महज 18 विधायक ही पहुंचे. कुछ विधायकों ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है. महाराष्ट्र में एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं. 

मंच पर लगाई गई शरद पवार की तस्वीरएनसीपी में मचे बवाल के बीच एक तस्वीर ऐसी भी दिखी, जिसमें अजित पवार गुट की बैठक में शरद पवार की फोटो लगी नजर आई. इस तस्वीर को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जो लोग उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं वो जानते हैं कि उनके पास कुछ और नहीं है. पवार ने बीजेपी के साथ जाने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार की आलोचना की और इस बात का उल्लेख किया कि उनकी पार्टी से जुड़े इस घटनाक्रम से कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनसीपी को भ्रष्ट पार्टी बताया था.  अजित पवार गुट की तरफ से एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर दावा करने के लिए चुनाव आयोग का रुख किए जाने पर शरद पवार ने कहा कि वह किसी को भी पार्टी का चुनाव चिन्ह छीनने नहीं देंगे.  

ये भी पढ़ें: Khalistan Protest: भारत के खिलाफ नई साजिश! कनाडा के बाद लंदन में भी खालिस्तान समर्थकों की रैली, भारतीय डिप्लोमेट टारगेट