प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 370 सीटें जीतने के दावे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि किसी चीज का अनुमान गणित और संभावनाओं पर निकाला जाता है, लेकिन जहां हर पल षडयंत्र रचा जा रहा हो वहां अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. 


जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती राजस्थान में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इस दौरान, एक चैनल के साथ इंटरव्यू में उनसे सवाल किया गया कि पीएम मोदी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 370 सीटें जीतकर सरकार बनाएगी, इस पर वो भी कुछ बताएंगे.


जहां हर रोज षडयंत्र हों, वहां क्या अनुमान, बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
इस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'हम ऐसा कुछ नहीं बताते हैं. संभावना जो होती है, उसको अनुमान या गणना के माध्यम से बताया जा सकता है. पर जहां रोज कुछ न कुछ षडयंत्र चल रहे हों, राजनीति में तो रोज षडयंत्र चलता है, वहां कैसे कोई अनुमान लगा सकता है. सामान्य बात है कि ये पेड़ हम लगाएंगे, तीन महीने में इसमें अंकुर आ जाएगा तो संभावना के आधार पर बोला जा सकता है, गणना के आधार पर बोला जा सकता है. जहां रोज नए षडयंत्र हो रहे हों, रोज नई स्थिति बन रही हो, वहां कोई कुछ नहीं कह सकता. जो कह रहा है वो मनोबल बढ़ाए रखने के लिए कह रहा है.'


हम छिपकर नहीं बोलते हैं, शंकराचार्य ने कहा
गौहत्या को लेकर भी उनसे पूछा गया कि क्या वह सरकार के पास यह बात लेकर जाएंगे, शंकराचार्य ने कहा, 'हम हर बात पहुंचाते हैं. सरकार से कोई बात छुपी रह सकती है? यहां पर आईबी के लोग होंगे. हम लोग जो भी बात कहते हैं, सरकार उसको रिकॉर्ड कर लेती है और हम छिपकर तो कोई बात कहते नहीं हैं.'


शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से पूछा गया कि आमजन में यह मानसिकता बना दी गई है कि आप सरकार के खिलाफ हैं तो उन्होंने कहा, 'सरकार और क्या करेगी. जब हमारे पास किसी की बात का जवाब नहीं होता है तो हम यही सोचते हैं न, यही सिद्ध करते हैं कि हमारे खिलाफ  है इसलिए बोल रहा है. बात ये है कि हमारी जो बात है उसका जवाब दो. खिलाफ हैं कि पक्ष में हैं, इससे क्या लेना-देना. कौन किसके खिलाफ है बताओ? लोग किसी के खिलाफ रहते हैं बाद में उसी के पक्ष में हो जाते हैं और जिसके पक्ष में रहते हैं उसी से झगड़ा करके अलग हो जाते हैं. संसार में कोई किसी के खिलाफ या कोई किसी के पक्ष में स्थाई रूप से है? रोज पाला बदलते रहते हैं.'


अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे शंकराचार्य
इसी साल 22 जनवरी को अयोध्या में बनाए गए राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शामिल नहीं हुए थे. उनके साथ बाकी तीनों शंकराचार्य भी कार्यक्रम में नहीं गए थे. उनका तर्क था कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में धर्मशास्त्रों की अनदेखी की जा रही है क्योंकि मंदिर अभी पूरा बनकर तैयार नहीं हुआ. उनका कहना था कि अभी ऐसी कोई जल्दी भी नहीं है इसलिए मंदिर का कार्य पूरा होने के बाद प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए. जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती उत्तराखंड की ज्यतिषपीठ के शंकराचार्य हैं.


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