Mahakumbh Stampede: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री ने हाल ही में एक बयान दिया था कि महाकुंभ भगदड़ में जो लोग मारे गए हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई है. उनके इस बयान में बहुत सुर्खियां बटोरीं थी. अब इस पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का जवाब आया है. शंकराचार्य ने कहा कि मोक्ष की प्राप्ती ऐसे नहीं होती. उन्होंने कहा कि जब लोग संकल्प लेकर प्राण त्यागते हैं तब मोक्ष मिलता है, बिना संकल्प के मौत हो जाने से मुक्ति नहीं मिल सकती.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'हमने इस मामले में पंडितों से बात की. पूछा कि क्या इस तरह से भीड़ में दबकर कुचलकर मारे जाने से मोक्ष हो जाएगा किसी का? तो पंडितों ने बताया और हमने खुद भी शास्त्रों में देखा कि जब तक संकल्प नहीं करते और विधि का प्रयोग नहीं करते हैं तब तक ये हासिल नहीं होता. जो लोग यहां भगदड़ में मारे गए, वह यह संकल्प लेकर नहीं आए थे कि हमें मुक्ति मिल जाए. अगर इस संकल्प से आते और मारे जाते तो मोक्ष की प्राप्ति होती.'

'स्नान का पुण्य मिलेगा, मोक्ष की प्राप्ति नहीं''यूपी तक' के साथ बातचीत में शंकराचार्य ने कहा, 'वो लोग तो बस मौनी अमावस्या पर गंगा-यमूना-सरस्वती की त्रिवेणी में पवित्र स्नान करने आए थे. यह वह कर नहीं पाए क्योंकि स्नान से पहले ही रात को यह घटना हो गई. तो उनको इस दुर्घटना से क्या लाभ मिलेगा? स्नान का तो पुण्य उन्हें मिलेगा क्योंकि वह यह संकल्प कर के आए थे कि स्नान करना है, फिर चाहे बाधा आने के कारण वह यह नहीं कर पाए, लेकिन वे लोग यह संकल्प करके तो नहीं आए थे कि मैं वहां शरीर छोड़ दूंगा और मुझे मुक्ति मिल जाएगी.'

'उनको मोक्ष कैसे मिलेगा?'शंकराचार्य ने कहा, 'जब दूसरे लोग उन पर चढ़कर निकल रहे होंगे तब वे दबे हुए लोग तो मरने का प्रतिकार कर रहे होंगे. वे तो यही कह रहे होंगे कि हटो, हटो, मैं जीना चाह रहा हूं. उस समय तो उनका यही विचार था ना. वो तो आखिरी में भी जीना चाहते थे तो उनको कैसे मोक्ष मिल जाएगा.'

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