प्रयागराज में ED की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 2.03 करोड़ रुपये की छह अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है. ये संपत्तियां गाजीपुर की फर्म M/s विकास कंस्ट्रक्शन से जुड़े मामले में अटैच की गई है, जो कि मुख्तार अंसारी के साथियों द्वारा संचालित बताई जाती है. जिन संपत्तियों पर कार्रवाई हुई है, वे शादाब अहमद और उनकी पत्नी के नाम दर्ज है. शादाब, मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता है.

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अक्टूबर 2025 में ED द्वारा जारी लुकआउट नोटिस के आधार पर शादाब अहमद को लखनऊ एयरपोर्ट पर उस समय हिरासत में लिया गया था, जब वो शारजाह से भारत लौटा. इसके बाद उसे लखनऊ की कोर्ट में पेश किया गया और नॉन–बेलेबल वारंट के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 31 अक्टूबर 2025 को ED प्रयागराज ने उसकी कस्टडी हासिल की थी.

इन आधारों पर ईडी ने शुरू की जांचED ने इस मामले की जांच दो FIRs के आधार पर शुरू की, जो मऊऔर गाजीपुर के थानों में दर्ज थी. जांच में सामने आया कि विकास कंस्ट्रक्शन ने मऊ के रैनी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर गोदाम बनाया और इसके बाद गाजीपुर में भी एक अवैध निर्माण किया. 

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इन दोनों अवैध गोदामों को बाद में फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को किराए पर दे दिया गया. किराए और नाबार्ड (NABARD) सब्सिडी के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई हुई, जबकि जमीन सरकारी थी. अब तक ED लगभग 27.72 करोड़ रुपये के आपराधिक आय की पहचान कर चुकी है.

2022 से फरार था शादाबशादाब अहमद 2022 से फरार था, जब ED ने उसके ठिकाने पर सर्च की थी. कस्टडी में हुई पूछताछ में पता चला कि शादाब ने करीब 10 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग में अहम भूमिका निभाई. वो दो कंपनियों, आगाज़ प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और  इनिज़ियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर और फाइनेंशियल ऑपरेटर था.

दोनों कंपनियों के बैंक खातों के जरिए वो अवैध पैसों को बिज़नेस ट्रांजेक्शन की आड़ में घुमा-फिरा कर अलग-अलग जगह भेजता था. ED की जांच में साफ हो गया है कि इन कंपनियों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई.

केस में चौथी अटैचमेंट की कार्रवाईED के मुताबिक अपनी भूमिका के बदले शादाब को 1.91 करोड़ रुपये सैलरी के नाम पर और 74 लाख रुपये अनसिक्योर्ड लोन के तौर पर मिले. इसी पैसे से उसने वे संपत्तियां खरीदी, जिन्हें ED ने अब अटैच कर लिया है. ये इस केस में चौथी अटैचमेंट कार्रवाई है. अब तक ED कुल 8.43 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है. ED के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है.