नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार के बीच पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है. घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को एंटीगुआ प्रशासन ने गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया है. चोकसी पर करीब साढ़े 13 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है और वह भारत से फरार होकर एंटीगुआ में रह रहा है.


भारतीय जांच एजेंसियों ने इंटरपोल से रिपोर्ट मांगी थी. जिसपर एंटीगुआ के निदेशक पब्लिक प्रासीक्यूशन ने इंटरपोल को लिखित में सूचना दिया है. इंटरपोल की रिपोर्ट में कहा गया है कि एंटीगुआ प्रशासन ने चोकसी को गिरफ्तार करने से साफ इनकार कर दिया.


इस खुलासे के बाद भारतीय जांच एजेंसियों में हड़कंप मच गया. मेहुल चौकसी के मामले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनप्रीत वोरा और एंटीगुआ प्रशासन के बीच उच्चस्तरीय बैठक हुई और मेहुल चौकसी का नया डोजियर एंटीगुआ प्रशासन को दिया गया.


डोजियर में कहा गया है कि मेहुल चोकसी का पासपोर्ट रद्द किया जाए. उसे औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर भारत प्रत्यर्पित किया जाए. चोकसी ने साल 2017 मे ही एंटीगा की नागरिकता ली थी. मुंबई पुलिस की हरी झंडी के बाद चोकसी को नागरिकता मिली थी.


पीएनबी घोटाला मामले में मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी मुख्य आरोपी है. दोनों घोटाला उजागर होने के ठीक बाद भारत छोड़कर फरार हो गया था. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई और ईडी की टीम कर रही है.


पीएनबी घोटाला मामले में दोनों आरोपी के भारत से भाग जाने की चर्चा लोकसभा चुनाव में खूब हो रही है. विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस मोदी सरकार को घेरने के लिए नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का जिक्र करती है.