Sero Survey in Haryana: हरियाणा सीरो सर्वेक्षण मंगलवार से शुरू हो गया है. ये 6 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों समेत लोगों में कोरोना वायरस एंटीबॉडी के प्रसार की जांच करेगा. साथ ही ये राज्य के तीसरे दौर का सर्वे है. दरअसल ये इकाइयों की स्थापना और अपस्केल सहित हमारी बाल चिकित्सा सेवाओं की योजना बनाने और उन्हें मजबूत करने में हमारी मदद करेगा और राज्य में अतिसंवेदनशील आबादी और क्षेत्रों को चिह्नित करेगा, जिससे इन इलाकों में वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दी जा सके.
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा है कि सीरो अध्ययन से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को मदद मिलेगी. साथ ही बताया कि सीरो सर्वेक्षण का तीसरा दौर समुदाय पर कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव की पहचान करने के लिए किया जा रहा है. 2020 में अगस्त में आयोजित किए गए पहले दौर में सेरोप्रेवलेंस 8 प्रतिशत पाया गया था. जो अक्टूबर में बढ़कर 14.8 प्रतिशत हो गया था.
कैसे होता है सीरो सर्वे?
अज्ञात संक्रमणों के पैमाने का अध्ययन करने के लिए सीरो सर्वेक्षण के जरिए चुने गए लोगों से रक्त के नमूने लिए जाते हैं. एक सीरो सर्वेक्षण में रक्त के नमूनों का परीक्षण आईजीजी एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए किया जाता है, जो वायरस के कारण पिछले संक्रमण का निर्धारण करते हैं. सीरो सर्वेक्षण ये निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि क्या कोई बीमारी समुदाय में फैल चुकी है. एक सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण में आईजीजी एंजाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख परीक्षण शामिल है. आईजीजी परीक्षण तीव्र संक्रमण का पता लगाने के लिए उपयोगी नहीं है, लेकिन ये अतीत में हुए संक्रमणों के एपिसोड की जानकारी देता है. वहीं इस परीक्षण को आईसीएमआर ने मंजूरी दी हुई है.
पिछले सीरो सर्वेक्षणों ने क्या कहा?
पिछले साल मई में किए गए पहले सीरो सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण दर 0.73 प्रतिशत पाई गई थी. वहीं ये सर्वे इस महीने 21 राज्यों के 70 जिलों में शुरू होगा, जिसमें इन जिलों के जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के रक्त के नमूने भी लिए जाएंगे.
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