नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार में पारदर्शिता ही गरीबों-जरूरतमंदों की प्रगति का पैमाना है यही वजह है कि हर योजना को डिजिटल कर दिया गया है, जिससे बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है. इससे हर योजना का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के इंस्पेक्शन अधिकारियों की वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए नकवी ने कहा कि वह खुद भी सभी योजनाओं की निगरानी कर रहे हैं, ताकि इन योजनाओं का फायदा हर जरूरतमंद तक बिना किसी परेशानी के और पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंच सके. अल्पसंख्यक मंत्रालय पूरी तरह से ऑनलाइन-डिजिटल हुआ अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय पूरी तरह से ऑनलाइन-डिजिटल हो गया है. हर योजना डिजिटल कर दी गई है, जिससे बिचौलियों के लिए कोई जगह नहीं रह गई है और हर योजना का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुच रहा है. छात्र-छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार की स्कॉलरशिप्स का पैसा भी सीधे उनके बैंक खातों में जा रहा है. चाहे वह विकास योजनाएं हो या हज का मामला, अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ऑनलाइन-डिजिटल व्यवस्था के माध्यम से पारदर्शिता सुनश्चित की है. नई योजनाओं से ज्यादा जरूरी पुरानी योजनाओं को ईमानदारी से लागू करना उन्होंने कहा कि नई योजनाओं के ऐलान से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि योजनाओं को जमीनी स्तर पर पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से लागू किया जाए. नकवी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वो आम लोगों से मिल कर योजनाओं के लागू होने की हकीकत की जानकारी लें. इंस्पेक्शन अधिकारी योजनाओं के निगहबान की तरह काम करेंगे नकवी ने कहा कि इसी मकसद से उन्होंने प्रोग्रेस पंचायतें शुरू की, ताकि लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुना जा सके और उनका समाधान किया जा सके. उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के लगभग 280 इंस्पेक्शन अधिकारियों का इस्तेमाल फाउंडेशन की शैक्षिक योजनाओं के अलावा अल्पसंख्यक मंत्रालय की अन्य योजनाएं लागू हो रही है या नहीं इसकी देखरेख के लिए भी किया जायेगा. ये एक तरह से योजनाओं के निगहबान की तरह काम करेंगे. इस वर्कशॉप में इंस्पेक्शन अधिकारियों को मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन और अल्पसंख्यक मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की पूरी जानकारी दी गई