नई दिल्ली: पैनकार्ड के लिये आधार नंबर को अनिवार्य करने के सरकारी आदेश के खिलाफ लगी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. पैनकार्ड के लिए आधार नंबर को अनिवार्य करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं लगी थीं. इस पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि संसद में 542 लोग बैठे हैं, वे इस पर आपत्ति क्यों नहीं जताते. अगर वे आपत्ति नहीं जता रहे हैं तो हम क्यों इसमें उलझें?

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इस मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकल रोहतगी ने दलील दी थी कि देश में करीब 10 लाख फर्जी पैन नंबर हैं और आधार ही एक मात्र जरिया है, जो इस फर्जीवाड़े को रोक सकता है.

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सरकार के नजरिये से सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं की आधार स्वैच्छिक होना चाहिए. लेकिन सरकार को टैक्स चोरी रोकने के लिये ऐसे रास्ते तलाशने पड़ रहे हैं, ये शर्म की बात है कि देश के नागरिक टैक्स नहीं देना चाहते हैं.

आपको बता दें कि मोदी सरकार ने इस साल के बजट में पैनकार्ड के लिये आधार नंबर को अनिवार्य करने का फैसला लिया था और इनकम टैक्स कानून में बदलाव किया था.